भारत में सर्दी को लेकर फैली “कड़ाके की ठंड” की चर्चाओं पर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपडेट दिया है. आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय मोहापात्रा ने कहा कि इस बार सर्दी पिछले सालों जैसी ही सामान्य रहने की संभावना है. ला नीना की स्थिति कमजोर है, इसलिए इस बार ठंड असामान्य रूप से ज्यादा नहीं पड़ेगी.
मौसम विभाग के मुताबिक इस बार दिन के तापमान सामान्य से थोड़ा कम रहेंगे. जबकि रातों का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे इलाकों में रातें अपेक्षाकृत ठंडी रहेंगी, लेकिन समग्र रूप से उत्तर भारत में कोई ‘कड़क ठंड’ नहीं पड़ेगी.
डॉ. मोहापात्रा ने बताया, “ला नीना की स्थिति फिलहाल कमजोर है और आने वाले महीनों में भी यही बनी रहेगी. हमारे मॉडल्स के अनुसार यह सर्दी सामान्य रहेगी, इसमें किसी तरह की चरम ठंड नहीं होगी.”
अमूमन हर साल नॉर्थ इंडिया में दिसंबर और जनवरी के महीने कड़ाके की ठंड पड़ती है. इस समय ठंड का असर पूरे क्षेत्र में महसूस किया जाता है, जिससे लोगों का जीवन और दिनचर्या प्रभावित होती है. उत्तर भारत के कई स्थान, जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तापमान 10 डिग्री से नीचे चला जाता है, जिससे शीत लहर चलती है.
ला नीना कमजोर, आईओडी में सुधार
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल ला नीना की स्थिति प्रशांत महासागर के विषुवतीय हिस्से में बनी हुई है, जबकि नकारात्मक इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) की स्थिति भारतीय महासागर में देखी जा रही है.
हालांकि, जलवायु मॉडल के अनुसार आने वाले महीनों में यह नकारात्मक आईओडी धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा.
इसका मतलब है कि समुद्र की सतह के तापमान में सुधार होगा, जिससे भारत के मौसम पर संतुलित प्रभाव पड़ेगा - न ज्यादा ठंड, न ज्यादा गर्मी.
विशेषज्ञों की राय: ठंड नहीं, संतुलित सर्दी
स्काइमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि पिछले तीन सालों (2021, 2022, 2023) में लगातार “ट्रिपल डिप ला नीना” की स्थिति रही थी, फिर भी देश में भीषण ठंड नहीं पड़ी. ला नीना और सर्दी का सीधा संबंध नहीं है. इस बार जब पश्चिमी विक्षोभ आएंगे, तो वे पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं का प्रवाह बदल देंगे, जिससे न्यूनतम तापमान नीचे गिरने की संभावना कम रहेगी.
यह भी पढ़ें: प्रदूषण से गैस चैंबर बने दिल्ली-NCR में अब वायरस भी फैला, 75% घरों में कोई न कोई बीमार, सर्वे ने चौंकाया
अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2025 पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा बरसाती महीनों में से एक रहा. इस दौरान औसत 112.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से दूसरा सबसे अधिक आंकड़ा है.
कुल 236 बार भारी वर्षा और 45 बार अति-भारी वर्षा की घटनाएं हुईं, जिनमें बिहार, उत्तर बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित रहे.
विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्री सतह के बढ़ते तापमान के कारण मॉनसून की वापसी में देरी और बारिश की तीव्रता दोनों में इजाफा हुआ है.
कुल मिलाकर क्या कहता है पूर्वानुमान?
इस बार भारत में सर्दी न तो बहुत कड़ी होगी और न ही बहुत हल्की. दिन थोड़े ठंडे लेकिन रातें अपेक्षाकृत गर्म रहेंगी. ला नीना कमजोर है और IOD धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है. इसलिए मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि “कड़ाके की सर्दी” जैसी अफवाहों पर ध्यान न दें.
दिल्ली में प्रदूषण का लेवल हाई
दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच गया था. हालांकि, अब प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
मिलन शर्मा