कहीं 350 तो कहीं 250 ने गंवाई जान... बीते 20 साल में धार्मिक सभाओं की भगदड़ में दिखा मौत का तांडव
Hathras Satsang News: हाथरस में एक धार्मिक सभा में मची भगदड़ में अब तक 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि भोले बाबा सत्संग के बाद सभा से निकल रहे थे, तभी उनके मानने वाले बड़ी संख्या में लोग उनके पीछे दौड़े, जब भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को कुचलते चले गए. यहां आप देख सकते हैं कि पिछले कुछ सालों में इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई है.
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हाथरस भगदड़ के पीड़ितों के परिजन एटा में एक अस्पताल के बाहर, जहां वे भर्ती हैं (पीटीआई फोटो)
Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक सभा में मची भगदड़ में 107 लोगों की जान चली गई. इनके अलावा बच्चों, महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं. ऐसा पहली बार नहीं है जब देश में किसी धार्मिक सभा में भगदड़ मची और दर्जनों ने जान गंवाई हो. पिछले कुछ सालों में कई धार्मिक सभाओं में भगदड़ जैसी घटना घटी और बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई.
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महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 2005 में इसी तरह भगदड़ मच गई थी, जिसमें 340 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में इसी तरह की घटना में 250 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे. 2008 में ही हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में धार्मिक सभा में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 162 लोगों की जान चली गई थी.
पिछले कुछ सालों में धार्मिक सभा में मची भगदड़, अब तक सैकड़ों ने गंवाई जान:
31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के मौके पर आयोजित 'हवन' के दौरान एक प्राचीन 'बावड़ी' या कुएं के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी.
1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में मशहूर माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 लोगों ने अपनी जान गंवाई और अन्य 20 लोग घायल हो गए थे.
3 अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत हो गई थी और 26 अन्य घायल हो गए थे.
13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 115 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. तब यह अफवाह फैल गई थी कि नदी के जिस पुल को लोग पार कर रहे थे, वो ढहने वाला है.
19 नवंबर, 2012: पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में करीब 20 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे.
8 नवंबर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए थे.
14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में लोग सबरीमला के दर्शन कर घर लौट रहे थे, जब एक जीप की टक्कर से मची भगदड़ में 104 श्रद्धालु मारे गए थे और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में करीब 63 लोग मारे गए थे. यहां लोग स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए इकट्ठा हुए थे, जब भगदड़ मच गई थी.
30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह की वजह से मची भगदड़ में करीब 250 श्रद्धालु मारे गए थे और 60 से ज्यादा घायल हो गए थे.
3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान गिरने की अफवाह की वजह से मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए थे और 47 घायल हो गए थे.
25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालु कुचले गए और सैकड़ों घायल हो गए थे. यह दुर्घटना तब हुई थी, जब कुछ लोग नारियल की फिसलन पर फिसल गए थे.
27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 लोग मारे गए थे और करीब 140 घायल हो गए.
हाथरस में हुई दुर्घटना के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा घटना की स्थिति पर जानकारी लेने के लिए आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाईन 05722227041 और 05722227042 जारी किये गए हैं.
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