भारत ने अपनी एयरोस्पेस तकनीक में एक और ऐतिहासिक छलांग लगाई है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने शुक्रवार को अपने स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए ट्रेनर विमान HTT-40 (Hindustan Turbo Trainer-40) की पहली सीरीज़ प्रोडक्शन उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की. यह विमान आने वाले समय में भारतीय वायुसेना के भावी पायलटों को उड़ान, एयरोबैटिक्स और नाइट फ्लाइंग की ट्रेनिंग देगा.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बताया कि पहला हिन्दुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (HTT-40) सीरीज प्रोडक्शन विमान, TH 4001, आज बेंगलुरु में HAL की सुविधा से सफलतापूर्वक उड़ान भरने में कामयाब रहा. ये विमान अगली पीढ़ी के एयर वारियर्स को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया गया है.
क्या है HTT-40 की खासियत?
HTT-40 एक पूरी तरह से एक्रोबैटिक, 2 सीटों वाला टर्बोप्रॉप विमान है. इस ट्रेनी एयरक्राफ्ट को HAL के विमान अनुसंधान और डिजाइन केंद्र ने भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को ध्यान में रखकर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है. यह विमान बेसिक फ्लाइट ट्रेनिंग, एक्रोबैटिक्स, इंस्ट्रूमेंट फ्लाइंग और रात में उड़ान भरने का प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया है.इसमें अत्याधुनिक ग्लास कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स और नवीनतम सुरक्षा सुविधाएं, जैसे जीरो-जीरो इजेक्शन सीट, शामिल हैं.
वायुसेना में शामिल होने की तैयारी
वायुसेना ने फिलहाल 70 विमानों की मांग रखी है. HAL अगले 24 महीनों में पहले बैच की डिलीवरी देने के लिए तैयार है. ये पुराने HPT-32 Deepak ट्रेनर की जगह लेगा. साल 2026 तक भारतीय वायुसेना की ट्रेनिंग अकादमियों में शामिल होने की संभावना है.
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