ऐप पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार पर अश्विनी वैष्णव ने कहा, सोशल मीडिया के लिए और भी सख्त नियम बनाने को तैयार है सरकार

संसद के बजट सत्र में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसपर हम कोई समझौता नहीं कर सकते. सरकार सोशल मीडिया पर और भी सख्त नियम बनाने को तैयार है. 

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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST
  • महिलाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इस पर हम कोई समझौता नहीं कर सकते
  • सोशल मीडिया के लगभग सभी प्लेटफॉर्म का मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट आती है

संसद के बजट सत्र में शुक्रवार प्रश्नकाल के दौरान, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर और भी सख्त नियम बनाने को तैयार है. इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया की हम सभी के जीवन में बहुत अहमियत है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले युवा इसका दुरुपयोग भी करने लगते हैं. इसे कैसे रोकना है.

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वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया को किस तरह सुरक्षित और ज़िम्मेदार रखना है, इसके लिए सरकार ने 2021 में कुछ गाइडलाइंस इश्यू की थीं. उसके हिसाब से 5 इंस्टीट्यूटनल फ्रेमवर्क बनाए गए- चीफ कंप्लायंस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन, ग्रेविएंस ऑफिसर, फिज़िकल कम्यूनिकेशन एड्रेस और मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट होनी चाहिए. सोशल मीडिया के लगभग सभी प्लेटफॉर्म का मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट आती है. इसके अलावा भी जब भी कोई मामला सामने आता है, उस पर तुरंत एक्शन लिया जाता है. 

सोशल मीडिया का डेटा सरकार के पास नहीं रहता 

मंत्री जी से सवाल किया गया था कि क्या इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करने वाले लोगों का डेटा क्या सरकार के पास उपलब्ध है. इसपर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उन्होंने यह भी बताया कि हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपनी कंपलायंस रिपोर्ट हर महीने अपने प्लेटफॉर्म पर पब्लिश करनी होती है. हम रिपोर्ट को अपने पास नहीं मंगवाते. जिससे सभी लोग उसे देख सकें, ट्रांसपरेंसी बनी रहे. इस पर अगर किसी को कोई भी शिकायत रहती है तो वह ग्रेविएंस ऑफिसर से संपर्क कर सकता है. 

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महिलाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है

इस बीच बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स जैसे एप के जरिए अपमानित होने के मामले को संसद में उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि इस तरह के मामलों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है. इस पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विषय बेहद संवेदनशील है. महिलाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इस पर हम कोई समझौता नहीं कर सकते. ऐसे जितने भी मामले सामने आए हैं उन पर तुरंत कार्रवाई की गई है. 

और भी सख्त नियम बनाने को तैयार है सरकार

उन्होंने साफ कहा कि सोशल मीडिया को ज़िम्मेदार बनाने के लिए सरकार जब भी कोई कदम उठाती है, तो सबसे पहले विपक्ष उसपर सवाल उठाता है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच को खत्म किया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. हमें सोसाइटी में बैलेंस लाना ही पड़ेगा. हमारे नौजवानों, युवाओं, महिलाओं को अगर सुरक्षित रखना है, तो सोशल मीडिया के नियमों को सख्त करना ही होगा.


केरल के सांसद अब्दुल वहाब और हिमाचल के सांसद आनंद शर्मा के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि OTT और डिजिटस मीडिया को लेकर जो नियम 2021 में बनाए गए थे, वे ही लागू हैं. अगर सदन में आम सहमति हो, तो सरकार सोशल मीडिया पर और भी सख्त नियम बनाने को तैयार है. उन्होंने माना कि लोगों की सुरक्षा के लिए ये ज़रूरी है लेकिन अभी हम संविधान के दायरे में रहकर काम कर रहे हैं. 

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