दिल्ली के स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां तेज, इन बातों पर दिया जाएगा ध्यान

परीक्षा की तैयारी के लिए हर बच्चे को प्रिंटेड फॉर्म में सीबीएसई और शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार किया गया सैंपल पेपर उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके अलावा शिक्षा विभाग की वेबसाइट edudel.nic.in पर एकेडमिक एंड एग्जामिनेशन सेक्शन पर जाकर सैंपल पेपर व लर्निंग मटेरियल भी बच्चे डाउनलोड कर सकते है.

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पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST
  • सोमवार से शुरू 8वीं तक की कक्षाएं
  • परीक्षा की तैयारियों पर खास फोकस

शिक्षा निदेशालय ने आगामी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चों की तैयारी के लिए कमर कस ली है. सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल के अंत में करवाएगा. इसको लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में तैयारियां तेज कर दी गई है. इस बाबत शनिवार को शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कक्षाओं के बेहतर संचालन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर सभी स्कूल प्रमुखों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया गया. बैठक में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा एवं अतिरिक्त निदेशक (स्कूल) रीता शर्मा ने सभी विद्यालय प्रमुखों को आगामी परीक्षाओं के साथ-साथ सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर तैयारी संबंधी जरुरी चर्चा की.

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परीक्षा की तैयारियों के लिए इन बातों पर किया जाएगा फोकस :

- क्लास के साथ-साथ प्रैक्टिकल वर्क पर भी ध्यान दिया जाएगा.
- लम्बे समय तक ऑनलाइन कक्षाओं के बाद ऑफलाइन मोड में शिफ्ट होने के साथ ये बेहद जरुरी हो गया है कि बच्चों की प्रैक्टिकल क्लास पर भी बेहतर ढंग से फोकस किया जाए ताकि उन्हें हैंड्स ऑन लर्निंग मिले. 
- शिक्षकों द्वारा हर एक बच्चे को इंडिविजुअल अटेंशन दी जाएगी ताकि बच्चों के बेहतरी के क्षेत्र पर ध्यान दिया जा सके.
- स्कूल प्रमुख शिक्षकों के साथ रोजाना रिव्यू मीटिंग करेंगे ताकि स्टूडेंट्स के सीखने संबंधी आवश्यकताओं को समझकर उसे पूरा किया जा सके.
- बच्चों के सीखने की जरूरत के अनुसार स्कूल प्रमुख एसएमसी फंड से अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन्स को भी बुला सकेंगे.
- हर बच्चे को प्रिंटेड फॉर्म में सीबीएसई और शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार किया गया सैंपल पेपर उपलब्ध करवाया जाएगा. 
- स्कूलों के बंद होने के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान और स्टूडेंट्स के प्रदर्शन में सुधार के लिए रेमेडियल क्लास होगी.
- शिक्षा विभाग की वेबसाइट edudel.nic.in पर एकेडमिक एंड एग्जामिनेशन सेक्शन पर जाकर सैंपल पेपर व लर्निंग मटेरियल भी बच्चे डाउनलोड कर सकते है.
- विस्थापन या अन्य कारणों से स्कूल से दूर हुए बच्चों को वापस स्कूल लाने का प्रयास किया जाएगा.
- शिक्षा निदेशक सोमवार से जिलावार शिक्षा अधिकारियों व स्कूल प्रमुखों के साथ रिव्यू मीटिंग करेंगे ताकि बेहतर ढंग से बच्चों की तैयारी हो सके.

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नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं सोमवार से शुरू:

बैठक में सोमवार से नर्सरी से आठवीं तक कक्षाओं के खुलने संबंधी तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई. इस बाबत सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए गए कि स्कूल खुलने के बाद अगले 2 सप्ताह तक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के मेंटल-इमोशनल वेल-बींग पर काम किया जाए, क्योंकि पिछले 2 सालों में स्कूलों के बंद रहने से छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

छोटी क्लासों के लिए स्कूल खुलने के बाद पहले 2 हफ्ते इन बातों का ध्यान रखा जाएगा: 

- माइंडफुलनेस व हैप्पीनेस क्लास की मदद से बच्चों को तनाव और भय से उबारकर वापस पढ़ाई से बेहतर ढंग से जोड़ा जाएगा.
- बच्चों के पढ़ने व गणित संबंधी बुनियादी कौशल में आए लर्निंग-गैप को पहचानकर मिशन बुनियाद की एक्टिविटीज की मदद से खत्म किया जाएगा.
- कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे किन परिस्थितियों से गुजरे उन अनुभवों को साझा करने का दिया जाएगा मौका, उचित वातावरण तैयार कर अन्य विद्यार्थियों व स्कूल के साथ घुलने-मिलने का मौका दिया जाएगा.
- टीचर वन-ऑन-वन इंटरेक्शन की मदद से हर बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़ने का काम करेंगे. 
- वन-ऑन-वन असेस्मेंट के द्वारा बच्चों की लर्निंग संबंधी आवश्यकताएं समझेंगे.
-किसी नए विषय को शुरू करने के बजाय पहले 2 सप्ताह पिछली वर्कशीट का ही रिवीजन करवाया जाएगा.
 

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