वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है.रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में थोड़े बहुत सुधार का काम चल रहा है. ये सुधार (रेट्रोफिटिंग) करने के बाद ट्रेन को दिसंबर में यात्रियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा. रेलमंत्री ने कहा कि पहली ट्रेन का टेस्टिंग के दौरान कुछ छोटी-मोटी चीजें सामने आई थी. खासकर बोगी और सीटों में. उन्हीं को ठीक किया जा रहा है. उन्होंने कहा, हम शॉर्टकट में विश्वास नहीं करते. शानदार ट्रेन बनाकर यात्रियों के लिए सफर को आरामदायक बनाना है.
ट्रायल रन के बाद ट्रेन की बोगी और सीटों में क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं?
पहले कई बार टली थी लॉन्चिंग
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की लॉन्चिंग पहले भी कई बार टल चुकी है. इससे पहले 15 अक्टूबर लॉन्चिंग की तारीख दी गई थी, लेकिन अब कंफर्न है कि दिसंबर में ट्रेन पटरी पर दौड़ेगी. बेमल (BEML) कंपनी इस समय 10 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन बना रही है. कंपनी के अधिकारी के मुताबिक, पहली ट्रेन प्रोटोटाइप थी, इसलिए उसका हर पैरामीटर पर गहराई से टेस्ट हुआ. अब सारे सुझाए गए बदलाव करके ट्रेन को और बेहतर बना रहे हैं.
रेलवे का कहना है कि सुरक्षा और आराम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यही वजह है कि थोड़े से बदलाव के लिए भी पूरी ट्रेन को फिर से तैयार किया जा रहा है. यात्री अब बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही ट्रेन लॉन्च होगी तो लंबी दूरी की यात्रा पहले से कहीं ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित हो जाएगी.
बता दें कि वंदे भारत ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण बीईएमएल (BEML) द्वारा किया गया है. इसे 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है, और इसका ट्रायल 180 किमी/घंटे की रफ्तार पर किया गया है.
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