कोलकाता मेट्रो की पर्पल लाइन के तहत जोका को एस्प्लेनेड से जोड़ने के लिए आज टनलिंग का काम शुरू हो गया. मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी ने आज 10 जुलाई की सुबह खिद्दरपोर के सेंट थॉमस स्कूल परिसर में एक बटन दबाकर इस काम की शुरुआत की. इस मौके पर नेपाल के महावाणिज्य दूत, मेट्रो रेलवे, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), रक्षा प्राधिकरण, CMRI अस्पताल, पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (WBTC) और सेंट थॉमस स्कूल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
श्री रेड्डी ने खुशी जताते हुए कहा कि ये कोलकाता के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है क्योंकि टनल बोरिंग मशीन (TBM) ने काम शुरू कर दिया है. ये कोलकातावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और खुशी का मौका है. इस मेट्रो लाइन के शुरू होने से डायमंड हार्बर रोड और जेम्स लॉन्ग सरणी जैसे व्यस्त सड़कों पर यात्रा करना आसान हो जाएगा. उम्मीद है कि पर्पल लाइन शुरू होने के बाद कोलकाता की इन व्यस्त सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा.
2026 के अंत तक पार्क स्ट्रीट तक पूरा हो सकता है ये काम
टनल बोरिंग मशीन 'दुर्गा' ने गुरुवार को कोलकाता के प्रतिष्ठित विक्टोरिया मेमोरियल की ओर टनलिंग शुरू की और 2026 के अंत तक पार्क स्ट्रीट तक यह काम पूरा होने की उम्मीद है. इसके लिए खिद्दरपोर के सेंट थॉमस स्कूल में 37 मीटर लंबा, 22 मीटर चौड़ा और 17 मीटर गहरा एक लॉन्चिंग शाफ्ट बनाया गया है. 6.63 मीटर व्यास (बाहरी) की TBM को चेन्नई में तैयार किया गया और मार्च 2025 में कोलकाता लाया गया. खिद्दरपोर से पार्क स्ट्रीट तक दो टनल (ट्विन ट्यूब) बनाने के लिए दो TBMs 'दुर्गा' और 'दिव्या' का उपयोग हो रहा है. इसके बाद पार्क स्ट्रीट से आगे टनलिंग पारंपरिक 'कट एंड कवर' विधि से होगी.
क्या है टनलिंंग मशीनों की खासियत
कोलकाता की ऊंची भूजल सतह और नरम मिट्टी को ध्यान में रखते हुए अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग (EPB) प्रकार की TBMs का उपयोग किया जा रहा है. ये मशीनें 95 मीटर लंबी और लगभग 600 टन वजनी हैं जिनमें इन्फ्लेटेबल सील, प्रेशर ट्रांसड्यूसर्स, टेल स्किन ग्रीस (TSG) लाइन्स और बैकअप TSG पंप जैसे उपकरण हैं. टनल को मजबूती देने के लिए M50 ग्रेड के प्रीकास्ट कंक्रीट सेगमेंट्स का उपयोग हो रहा है जिनकी मोटाई 275 मिमी है और तैयार टनल का व्यास 5.80 मीटर होगा.
कोलकाता मेट्रो रेल के एक अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि ये काम तीन चरणों में होगा. पहले चरण में दुर्गा और दिव्या खिद्दरपोर से विक्टोरिया मेमोरियल तक 1.70 किमी लंबी टनल बनाएंगी, जो मई 2026 तक पूरी हो सकती है. दूसरे चरण में विक्टोरिया मेमोरियल से पार्क स्ट्रीट तक टनल बनेगी. तीसरे चरण में TBM का उपयोग नहीं होगा, बल्कि 'कट एंड कवर' विधि से टनलिंग होगी.
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