DTC बसों की हड़ताल से दिल्लीवासी हुए परेशान, जानें कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन की वजह

दिल्ली में डीटीसी बस कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सोमवार को हजारों यात्री फंस गए और कई लोगों को मेट्रो का रुख करना पड़ा. मेट्रो में अचानक भीड़ बढ़ने से कई मेट्रो स्टेशन पर भारी भीड़ हो गई. इससे लंबी देरी हुई और लोगों को निराशा हुई.

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DTC bus (File Photo) DTC bus (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

दिल्ली की सराकारी DTC बसों में सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी असुविधा हुई. दरअसल, समान वेतन और अच्छी वर्किंग कंडीशन की मांग को लेकर कॉन्ट्रैक्ट पर डीटीसी बसों में काम कर रहे ड्राइवर और कंडेक्टरों ने सोमवार को हड़ताल कर दी.

कर्मचारियों की इस हड़ताल के कारण हजारों यात्री फंस गए और कई लोगों को मेट्रो का रुख करना पड़ा. मेट्रो में अचानक भीड़ बढ़ने से कई मेट्रो स्टेशन पर भारी भीड़ हो गई. इससे लंबी देरी हुई और लोगों को निराशा हुई.

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महिला कर्मचारियों ने शुरू किया विरोध

बताया जा रहा है कि यह हड़ताल डीटीसी के संविदा कर्मचारियों ने की थी. पिछले सप्ताह के अंत में हालात तब और बिगड़ गए थे, जब सरोजिनी नगर में महिला 'सखी बस डिपो' की महिला कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन कर दिया था. महिला कर्मचारी समान वेतन और जॉब सिक्योरिटी की मांग कर रही थीं.

दोनों की सैलरी में बड़े अंतर का दावा

दरअसल, डीटीसी के संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उनके और स्थायी कर्मचारियों के वेतन में भारी असमानता है. महिला कर्मचारियों ने इस प्रदर्शन को शुरू जरूर किया था, लेकिन बाद में पुरुष कर्मचारियों भी इसमें शामिल हो गए.

100% कंडक्टर, 80% ड्राइवर अस्थायी

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने दावा किया है कि करीब 28 हजार डीटीसी कर्मचारी अनुबंध पर हैं. इनमें 100% कंडक्टर और लगभग 80% ड्राइवर अस्थायी हैं. चौधरी का कहना है कि स्थायी कर्मचारियों के बराबर काम करने के बाद भी संविदा कर्मचारियों का वेतन काफी कम है.

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