चप्पल पहनकर कार चलाने पर रोक, चारधाम यात्रा से पहले परिवहन विभाग ने जारी की गाइडलाइन

इस बार चार धाम यात्रा मार्ग पर वाहन चलाते समय चप्पल या सैंडल पहनकर गाड़ी चलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. केवल जूते या बूट पहनकर ही वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी.  परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई चालक सामान्य यातायात नियमों की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, चालान और लाइसेंस निलंबन तक शामिल हैं.

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The number of Char Dham pilgrims has increased manifold compared to the last two years The number of Char Dham pilgrims has increased manifold compared to the last two years

अंकित शर्मा

  • देहरादून,
  • 07 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST

देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनने जा रही चारधाम यात्रा 2025 से पहले उत्तराखंड सरकार और परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा को लेकर कमर कस ली है. इस बार यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए परिवहन विभाग ने एक  एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसमें चालकों से लेकर अधिकारियों तक को जिम्मेदारी और अनुशासन के दायरे में लाया गया है.

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 कई अहम नियम पहली बार होंगे लागू

इस बार यात्रा मार्ग पर वाहन चलाते समय चप्पल या सैंडल पहनकर गाड़ी चलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. केवल जूते या बूट पहनकर ही वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी.  परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई चालक सामान्य यातायात नियमों की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ धारा 177A के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, चालान और लाइसेंस निलंबन तक शामिल हैं.

हर वाहन में फर्स्ट एड किट अनिवार्य

सड़क दुर्घटनाओं के बाद त्वरित प्राथमिक चिकित्सा के लिए अब हर व्यवसायिक वाहन में प्रथम उपचार किट रखना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही, सभी दोपहिया वाहन चालकों और उनके पीछे बैठे व्यक्तियों के लिए डबल हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है. वाहन के सभी दस्तावेज – पंजीकरण, फिटनेस, बीमा और परमिट – पूरे न होने पर किसी वाहन को चारधाम मार्ग पर प्रवेश नहीं मिलेगा. सड़क किनारे वाहनों की ऑन-स्पॉट जांच के लिए विशेष टीमें तैनात रहेंगी. वाहन खड़ा करते समय हैंडब्रेक और टायर चॉक का उपयोग अनिवार्य किया गया है, जिससे ढलान वाले क्षेत्रों में हादसे न हों. साथ ही, प्रत्येक वाहन के पीछे त्रिकोणीय रेडियम बोर्ड लगाना भी अनिवार्य होगा ताकि रात में दृश्यता बनी रहे और दुर्घटनाएं रोकी जा सकें.

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 स्पीड कंट्रोल के लिए हाईटेक तकनीक

यात्रा मार्गों पर स्पीड लिमिट का सख्ती से पालन करवाने के लिए इंटरसेप्टर वाहन तैनात किए जा रहे हैं, जो ओवरस्पीडिंग, रेस ड्राइविंग और ओवरलोडिंग जैसे उल्लंघनों पर कड़ी नजर रखेंगे. अधिकारियों को गति सीमा निर्धारित करने की विशेष ट्रेनिंग दी गई है. कई मार्गों पर क्रैश बैरियर्स, स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं.संयुक्त परिवहन आयुक्त श्री सनत कुमार सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा के सभी प्रमुख मार्गों का सर्वेक्षण कराया गया है. जिन मार्गों में खतरे की संभावना मिली है, वहां PWD, BRO और NHAI के सहयोग से मरम्मत और सुधार कार्य तेज़ी से चल रहे हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री की ओर जाने वाले विकासनगर-यमुना ब्रिज मार्ग को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है क्योंकि यह मार्ग एकतरफा है, लेकिन स्थानीय वाहनों की आवाजाही दोनों दिशाओं में होती है. यहां पर डेडिकेटेड ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार चारधाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सहज, सरल और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. हम नहीं चाहते कि किसी श्रद्धालु को रास्ते में असुविधा हो या सुरक्षा से कोई समझौता किया जाए.

30 अप्रैल से शुरू हो रही है यात्रा

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-  30 अप्रैल 2025 – गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे

- 2 मई – केदारनाथ धाम के कपाट

- 12 मई – बदरीनाथ धाम के कपाट

- उत्तराखंड में प्रवेश केवल हरिद्वार और कोटद्वार मार्ग से ही मान्य होगा.

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