तीस हजारी अदालत ने कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को रिहा किए जाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दीपक पहल उर्फ दीपक बॉक्सर को फरीदकोट के पूर्व विधायक और शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा के पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में स्थित घर पर पिछले साल तीन दिसंबर को हुई फायरिंग के मामले में रिहा करने का आदेश दिया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि लॉरेंस बिश्नोई द्वारा मांगी गई रंगदारी की रकम देने से इनकार करने पर फायरिंग की गई थी.
दीप मल्होत्रा फरीदकोट से शिरोमणि अकाली दल के विधायक थे. उनके बेटे को फरवरी 2023 में दिल्ली के चर्चित आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहाई भी मिल गई थी. अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस ने माना कि गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. तीस हजारी कोर्ट ने इस बात पर गौर किया. सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी ने अदालत में कहा कि आरोपी से कुछ अहम रिकवरी नहीं हुई है.
उनके पास आरोपी का सिर्फ डिस्क्लोजर स्टेटमेंट है. इसका कानून की नजर कोई खास महत्व नहीं है. कोई ठोस सबूत ना होने की वजह से उसे इस केस में रिहा किया जाता है. अदालत ने रिहाई आदेश में कहा कि अगर किसी अन्य केस में आरोपी की जरूरत नहीं है तो उसे तुरंत रिहा किया जाए. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ही दीपक बॉक्सर को रिहा करने की याचिका लगाई थी. इसी अर्जी के मुताबिक कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.
दरअसल 3 दिसंबर, 2023 को फायरिंग की इस घटना की रिपोर्ट सबसे पहले दीप मल्होत्रा के आवास ओम विला में तैनात सुरक्षा गार्ड ने दी थी. सुरक्षा गार्ड योगेश कुमार ने कहा था कि 3 दिसंबर शाम करीब साढ़े छह बजे वो कोठी की मुख्य गेट पर ड्यूटी कर रहा था.उसने उसी वक्त गोलियों की तड़तड़ाहट सुनी. उसी समय उसने दो अज्ञात लड़कों को देखा. उनकी उम्र करीब 25 साल थी. फायरिंग के बाद लड़के सीवर के गंदे नाले की तरफ भाग गए थे. उनकी खोज की गई लेकिन कामयाबी नहीं मिली.
संजय शर्मा