दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने PCR यूनिट को दिल्ली जिला पुलिस से अलग करने का आदेश जारी किया है. पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) यूनिट को सितंबर 2021 में अपने कामकाज में सुधार के लिए जिला पुलिस टीमों के साथ एकीकृत किया गया था.
कमिश्नर संजय अरोड़ा ने अपने आदेश में कहा कि 5,219 कर्मियों और 650 पीसीआर वैन वाली पीसीआर यूनिट को 15 डिस्ट्रिक्ट की टीमों के साथ 1 सितंबर 2021 को मिला दिया गया था. इस प्रयोग का उद्देश्य पुलिस स्टेशनों के संसाधनों में वृद्धि के साथ-साथ कानून-व्यवस्था और जांच के लिए डेडिकेट पुलिस कर्मियों को आपातकालीन स्थिति में एक्टिव करना था.
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि शुरू में इस प्रयोग के कुछ लाभ जरूर हुए थे. लेकिन विलय के एक साल के भीतर ही थानों की मैनपावर अपने पूर्व-विलय स्तर पर पहुंच गई. क्योंकि प्राथमिकताएं बदलती रहीं. जैसे-जैसे पुलिस थानों की बढ़ी हुई मैनपावर कम होती गई, मर्जर पुलिसिंग के लाभ भी अपने पुराने स्तर पर आ गए.
आदेश में कहा गया है कि इन स्थितियों का व्यापक विश्लेषण किया गया और आंकड़ों के आधार पर यह निश्चित रूप से पाया गया कि जो प्रारंभिक लाभ प्राप्त हुए, उनका पुलिस थानों के साथ PCR यूनिट के एकीकरण से कोई लेना-देना नहीं था, वे केवल मानव संसाधनों की वृद्धि से प्राप्त हुए थे,
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पिछले हफ्ते 4,866 कांस्टेबलों ने दिल्ली पुलिस अकादमी से अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और सक्रिय सेवाओं के लिए उपलब्ध हो गए हैं. इससे पीसीआर यूनिट के विलय से उत्पन्न हुई समस्याओं को सुधारने का अवसर मिलेगा.
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने संशोधित तरीके से पीसीआर विलय को वापस अपनी पूर्व स्थिति में लाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सभी पुलिस उपायुक्तों को विशेष ध्यान देना चाहिए कि कार्यान्वयन योजना में उल्लिखित दिन तक उनके पास अपने जिलों में पीसीआर वैन को सुचारू रूप से चलाने की पूरी जिम्मेदारी होगी. कार्यान्वयन योजना के अनुसार संचालन और तकनीकी प्रभाग पीसीआर वैन की जिम्मेदारी संभालेंगे और डीसीपी को इस जिम्मेदारी से धीरे-धीरे मुक्त किया जाएगा.
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