दिल्ली हाईकोर्ट से पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले को झटका लगा है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने साकेत की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने लक्ष्मी पुरी की ओर से दायर मानहानि मामले में सोशल मीडिया पर माफी मांगने और लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने के लिए दिए गए निर्णय को वापस लेने की मांग की थी.
मानहानि के मामले में दोषी करार
पिछले साल जुलाई में हाईकोर्ट ने साकेत गोखले को मानहानि का दोषी पाया था. याचिकाकर्ता लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये मुआवजा अदा करने का आदेश दिया था. पिछले हफ्ते ही दिल्ली हाईकोर्ट ने मुआवजा देने के लिए सांसद के तौर पर उनका वेतन जब्त करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उन्होंने अभी तक मुआवजा नहीं दिया है.
गोखले ने सजा और मुआवजा राशि पर पुनर्विचार की मांग की
अपनी याचिका में तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने मानहानि के मामले में सजा को वापस लेने और मुआवजा राशि में संशोधन करने की मांग दिल्ली हाईकोर्ट से की थी.
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क्या है पूरा मामला?
साल 2021 में टीएमसी नेता साकेत गोखले ने पूर्व राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र की सहायक महासचिव रह चुकीं लक्ष्मी पुरी के बारे में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट किया था. साकेत ने लक्ष्मी और उनके पति पर संपत्ति और खासकर स्विट्ज़रलैंड में एक अपार्टमेंट की खरीद को लेकर सवाल उठाए थे और ईडी से जांच की मांग की थी. बता दें, लक्ष्मी पुरी हरदीप सिंह पुरी की पत्नी हैं.
साकेत के इस पोस्ट का लक्ष्मी ने खंडन करते हुए मानहानि का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया.
इस मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए साकेत को 50 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया. साथ ही एक्स पर सार्वजनिक माफी मांगने का पोस्ट करें और इसे कम से कम छह महीने तक उपलब्ध रखें.
संजय शर्मा