कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद में रहने वाले मनजीत सिंह ने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए 45 लाख रुपये का कर्ज लिया. एजेंट की चिकनी-चुपड़ी बातों पर भरोसा किया और अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया. लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह रकम उनके बेटे को अमेरिका पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि उसे बर्बादी के दरवाजे तक ले जाने के लिए ली गई थी.
चार देशों की थकाऊ यात्रा, अनजान रास्तों की दहशत और एक अनिश्चित भविष्य-रोबिन का सफर जितना कठिन था, उसकी वापसी उतनी ही अपमानजनक. अमेरिका की धरती पर कदम रखने के 12 दिनों के भीतर ही उसे पकड़ लिया गया, पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं और सैन्य विमान से भारत भेज दिया गया.
हरियाणा के 33 युवाओं को इसी तरह अमेरिका से डिपोर्ट किया गया, जिनमें 14 अकेले कुरुक्षेत्र जिले के थे. यह कहानी केवल रोबिन की नहीं, बल्कि उन परिवारों की है, जो अवैध प्रवास के इस खतरनाक जाल में फंसकर अपने सपनों के साथ-साथ अपनी जिंदगी भी तबाह कर लेते हैं.
कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद कस्बे में रहने वाले मनजीत सिंह इलेक्ट्रिशियन हैं. मनजीत के बेटे रोबिन हांडा ने पिछले साल बारहवीं की परीक्षा पास की थी. वह विदेश जाकर बेहतर भविष्य बनाना चाहता था. एक स्थानीय एजेंट ने उसे अमेरिका भेजने का वादा किया, जिसके लिए मनजीत सिंह ने 45 लाख रुपये का कर्ज लिया. एजेंट ने आश्वासन दिया था कि रोबिन को सुरक्षित फ्लाइट से अमेरिका तक भेजा जाएगा.
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18 जुलाई 2023 को रोबिन ने यात्रा शुरू की. वह पहले दिल्ली से मुंबई, फिर गुयाना, ब्राजील, पेरू और एक्वाडोर पहुंचा. इसके बाद, समुद्री रास्ते से उसे अमेरिका के नजदीक लाया गया. सफर के दौरान न जाने कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन अमेरिका पहुंचने के बाद ही असली मुसीबत शुरू हुई.
अमेरिका पहुंचने के 12 दिनों बाद ही उसे वहां की पुलिस ने पकड़ लिया. अवैध रूप से घुसपैठ के आरोप में उसे अपराधी की तरह हथकड़ियों और पैरों में बेड़ियां डालकर हिरासत में रखा गया. मनजीत सिंह को इस दौरान अपने बेटे से बात तक करने का मौका नहीं मिला. कुछ दिनों के बाद रोबिन को सैन्य विमान में बैठाकर भारत वापस भेज दिया गया.
जब अमृतसर हवाई अड्डे पर रोबिन उतरा, तो उसके चेहरे पर न कोई उम्मीद थी, न कोई अभिव्यक्ति-बस एक खालीपन था. उसके लौटने की खबर ने पूरे गांव में हलचल मचा दी, लेकिन घर में सन्नाटा पसरा रहा. मनजीत सिंह, जो कभी अपने बेटे की सफलता के सपने देखते थे, अब इस सच का सामना कर रहे थे कि वे एक ठग के जाल में फंस चुके हैं.
कर्ज, धोखा और टूटते सपने
जब मनजीत सिंह को यह एहसास हुआ कि वह एक बड़े धोखे का शिकार हो गए हैं, तो उनका दर्द और भी गहरा हो गया. एजेंट, जिसने बड़े-बड़े वादे किए थे, अब फरार था. उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा. मनजीत सिंह की आंखों से आंसू नहीं थम रहे. वह कहते हैं कि एजेंट ने हमें बर्बाद कर दिया. मेरे बेटे को मौत के मुंह में धकेल दिया. न जाने कितने और परिवार ऐसे ही धोखे का शिकार हो चुके होंगे.
हरियाणा से 33 लोग हुए डिपोर्ट
गौरतलब है कि सिर्फ रोबिन ही नहीं, बल्कि हरियाणा के कुल 33 लोगों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है, जिनमें से 14 कुरुक्षेत्र जिले के हैं. यह घटना अवैध रूप से विदेश जाने के सपने देखने वाले युवाओं और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा सबक है. रोबिन अपने घर आ चुका है, लेकिन उसका आत्मविश्वास टूट चुका है. उसके सपने बिखर चुके हैं. परिवार अब कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है.
चंद्र प्रकाश