चंडीगढ़ में मेयर चुनाव होगा दिलचस्प, कांग्रेस उम्मीदवार वापस लेंगे नामांकन? AAP के साथ अलायंस पर लग सकती है मुहर

चंडीगढ़ में मेयर की कवायद तेज हो गई है. जीत के लिए INDIA अलायंस के दल AAP और कांग्रेस ने एक साथ आने का प्लान बना लिया है. दोनों पार्टियों के बीच बातचीत अंतिम दौर में है. गठबंधन के तहत मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर का फॉर्मूला भी निकाल लिया है.

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AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है. AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है.

कमलजीत संधू

  • चंडीगढ़,
  • 15 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

चंडीगढ़ में मेयर चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है. यहां आम चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन मेयर चुनाव में उतरने जा रहा है. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है. गठबंधन पर कभी भी दोनों पार्टियों के हाईकमान की मुहर लग सकती है. ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र वापस ले सकते हैं. चंडीगढ़ में संख्या का गुणा-भाग कुछ ऐसा है कि बिना कांग्रेस की मदद के आम आदमी पार्टी को मेयर की कुर्सी नहीं मिल सकती है. 

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फिलहाल, गठबंधन से पहले कांग्रेस ने अपने सभी पार्षदों की बाड़ेबंदी कर दी है. कांग्रेस ने अपने सभी पार्षदों को चंडीगढ़ से बाहर एक गुप्त जगह पर रखा है.

सूत्रों का कहना है कि INDIA अलायंस के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एकजुट होकर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उतरने की तैयारी कर ली है. आज कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं. अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. कुल 35 सदस्यों वाले चंडीगढ़ नगर निगम में 18 जनवरी को मेयर के चुनाव होने वाले हैं.

'AAP से मेयर, कांग्रेस से डिप्टी मेयर!'

सूत्रों के मुताबिक,  दोनों पार्टियों में जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार, आम आदमी पार्टी से मेयर उम्मीदवार होगा. डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर कैंडिडेट कांग्रेस से होंगे. सूत्र कहते हैं कि कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद छोड़ सकती है.

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'अलायंस की स्थिति में बीजेपी पर हार का संकट!' 

दरअसल, AAP और कांग्रेस के बीच अलायंस होने की स्थिति में जीत का रास्ता साफ हो जाएगा. आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षद हैं. कुल मिलाकर 20 वोट हो जाएंगे. जबकि बीजेपी के पास 14 पार्षद और एक सांसद का वोट रह जाएगा.  अगर शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का वोट भी बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में जाता है, तब भी जीत के जादुई आंकड़े को नहीं छू पाएंगे.

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