कर्नाटक के नगमंगला में गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच जबरदस्त झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ ने कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ और आगजनी की, जिससे तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि घटना के बाद 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एहतियात के तौर पर 14 सितंबर तक शहर में चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. ये घटना बुधवार की रात को हुई थी.
पुलिसकर्मियों को भी आई चोट
बता दें कि दो गुटों के बीच प्रतिमा विसर्जन को लेकर जो पथराव हुआ उसमें दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं. एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
पुलिस के अनुसार, बुधवार को जब बदरीकोप्पलु गांव से गणेश प्रतिमा का जुलूस एक पूजा स्थल पर पहुंचा, तो दो समूहों के बीच बहस छिड़ गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव कर दिया, जिससे स्थिति बिगड़ गई.
उन्होंने बताया कि बुधवार रात दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और सामान जला दिया गया और वाहनों में आग लगा दी गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.
सीएम सिद्धारमैया ने उपद्रवियों को दी सख्त चेतावनी
जुलूस निकाल रहे युवाओं के समूह ने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस स्टेशन के पास विरोध प्रदर्शन किया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हिंसा उपद्रवियों का कृत्य है जिससे समाज की शांति को खतरा है.
उन्होंने कहा, सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है और चेतावनी दी है कि जाति या धर्म की परवाह किए बिना धार्मिक आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अचानक हुई घटना, सांप्रदायिक हिंसा नहीं: मंत्री
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, 'मैं जनता से अनुरोध करता हूं कि वो शांति बनाए रखें और उकसावे में आए बिना संयम बरतें और हमारे साथ सहयोग करें.' गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि झड़पों को 'सांप्रदायिक हिंसा' नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह एक आकस्मिक घटना है.
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