Chandrayaan-3 Launch countdown LIVE Updates: भारत का तीसरा मून मिशन 'चंद्रयान-3' (Chandrayaan-3) शुक्रवार को लॉन्च हो गया. इसे दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया. 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ये मिशन करीब 42 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. 'चंद्रयान-3' को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया. इसे पहले GSLV MK-III के नाम से जाना जाता था. इसी रॉकेट से स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था.
धरती से चांद के सफर पर भारत, देखें चंद्रयान-3 मिशन की फुल कवरेज
भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नांबी नारायणन ने कहा- "इसरो टीम को बधाई. आप सभी ने जो नैतिक समर्थन दिया और जो उत्साह दिखाया, हमें उम्मीद है कि हमारा मिशन सफल होगा."
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट किया- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से #Chandrayaan3 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर बधाई. इस मिशन से जुड़ी इसरो की पूरी टीम को शुभकामनाएं. अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में बढ़ते कदम से पूरा देश गौरवान्वित है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का श्रेय लेने वाली कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इतने सालों तक कांग्रेस ने इसरो को पर्दे के पीछे रखा. आज इतने सारे मीडिया मित्र, अन्य लोग इतिहास देखने के लिए जुटे हुए हैं. ऐसा इंदिरा गांधी या राजीव गांधी काल में कभी नहीं देखा गया था, क्योंकि उस समय इसरो गेट पर ताला लगा रहता था. कई लोगों को यह भी पता नहीं था कि श्रीहरिकोटा कहां है. आज इस क्षेत्र में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी है. पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर की अनलॉकिंग कर दी है.
लंदन स्पेस एजेंसी ने ट्वीट कर चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी.
चीन की मीडिया ने चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर बधाई दी है. ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट किया- बधाई हो! भारत ने शुक्रवार को अपने चंद्र मिशन #Chandrayaan3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. उम्मीद है कि अंतरिक्ष यान अगस्त में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. एक बार सफल होने पर भारत चंद्रमा पर कंट्रोल्ड लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा.
एनसीपी चीफ शरद पवार ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो की पूरी टीम और सभी भारतीयों को बधाई. इसने स्पेस इनोवेशन में एक नया अध्याय रचा है, जो 2008 में चंद्रयान-1 के सफल प्रक्षेपण के बाद शुरू हुआ था. यह हमारे देश के लिए एक गौरवपूर्ण यात्रा रही है.
Chandrayaan-3 को बनाने में इस प्राइवेट कंपनी का बड़ा योगदान, कहा- आज गौरव का पल है
चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो की टीम को बधाई. पूरा देश इस शानदार उपलब्धि से उत्साहित है, जो वैज्ञानिक एक्सप्लोरेशन की हमारी सदियों पुरानी भावना को ट्रिब्यूट है. इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ, भारत न केवल अपनी अंतरिक्ष क्षमता को एक हायर ऑर्बिट में ले जाएगा, बल्कि आत्मनिर्भारत और मेकइनइंडिया को भी एक बड़ा सपोर्ट है, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी का दृष्टिकोण है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर कहा कि आज एक अरब से ज्यादा लोग गर्व से चमकते हुए आकाश की ओर देख रहे हैं. चंद्रयान-3, 1962 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लॉन्च और 1969 में इसरो के निर्माण के बाद से वैज्ञानिक समुदाय द्वारा किए गए दशकों के श्रम का फल है. इस मिशन की सफलता हमें चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगी. सचमुच एक अविश्वसनीय उपलब्धि है! इसरो की पूरी टीम को बधाई.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि हर सफल मिशन से पहले कुछ न कुछ झटके जरूर होते हैं. चंद्रयान-2 मिशन असफल नहीं था. वह आंशिक असफल था. हमें उससे बहुत सारी जानकारी मिली है. पीएम मोदी 23 अगस्त को लैंडिंग के समय मौजूद रह सकते हैं. ये सब उन्हीं की वजह से हो रहा है. उन्होंने लगातार स्पेस साइंस के लिए काम किया है. इकोसिस्टम बनाया है. रिसोर्सेस प्रोवाइड करने में मदद की है.
डॉ. सोमनाथ ने कहा कि हमारे पास ऑर्बिटर है. वह काम कर रहा है. इस बार जो प्रोपल्शन मॉड्यूल गया है. उसे कोई एक्सपेरिमेंट करने की जरूरत नहीं है, इसलिए उसे ऑर्बिटर नहीं कह रहे हैं. ऑर्बिटर जो हैं, वहां पर वो काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि LVM-3 रॉकेट का 85 फीसदी पैसा निजी कंपनियों का लगा है. सिर्फ 15 फीसदी इसरो से लगा है. सिर्फ अंतिम चरण की जांच, परख इसरो करता है. बाकी सब निजी कंपनियां बनाती हैं. हमारे डिजाइनिंग के आधार पर, निजी स्पेस इंडस्ट्री का योगदान बड़ा है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अमेरिका अब हमें सीधे संपर्क करता है. कहता है कि हम आपके एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन लेकर जाएंगे. यह भारत की ताकत है. पहचान है. टैलेंट को आगे बढ़ा रहे हैं. लगातार युवा टैलेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है. एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं.
पहले अटेम्पट में लैंडिंग नहीं कर पाना असफलता नहीं है. यह सोमनाथ की मॉडेस्टी है, लेकिन चंद्रयान-2 के लैंडर की घटना ने सफलता का स्वाद चखाया है. उस समय हम निराश हो रहे थे क्योंकि हमारी उम्मीद बहुत ज्यादा थी, लेकिन ऑर्बिटर वहीं हैं. वह काम कर रहा है. उसने चंद्रयान-3 के लिए जगह खोजी.
इसरो चीफ डॉ. सोमनाथ ने कहा कि अगर चंद्रयान-3 और उसके बाद विक्रम लैंडर ने चांद को कैप्चर कर लिया. तब मिशन पूरा होगा. हर स्टेप कठिन है. आपको इंतजार करना होगा. ये सब गणनाएं हैं. कठिनाई है लेकिन सबकुछ गणित है.
उन्होंने कहा- हम गलतियां खोजते हैं. उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं. रिव्यू करते हैं. टेस्टिंग करते हैं. उसके बाद असेंबलिंग, प्रिपरेशन करते हैं. पिछले दो सालों में हमने 100 से ज्यादा टेस्ट किए हैं. हजारों इंजीनियर्स और वैज्ञानिक इसके पीछे लगे रहते हैं.
इसरो चीफ डॉ. सोमनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ह्यूमन रेटेड कर रहे हैं. धीरे-धीरे प्रयास कर रहे हैं. गगनयान की लॉन्चिंग के समय यह ह्यूमन रेटेड होगा. 1 अगस्त को लूनर ट्रांजेक्शन, 17 अगस्त को मॉड्यूल सेपरेशन होगा. इसके बाद अगर सब कुछ सही रहा तो 23 अगस्त की शाम 5:45 बजे लैंडिंग संभव होगी.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूरे देश, हमलोग और इसरो के लिए गर्व की बात है. उन सभी को धन्यवाद. प्रधानमंत्री मोदी जी को स्पेस साइंस में नए दरवाजे नए आयाम खोलने के लिए धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा कि स्काई लिमिट नहीं है. चंद्रयान आसमान के ऊपर गया है. वह यह बताता है कि आसमान के ऊपर अंतरिक्ष में कामयाबी हासिल करेंगे. हमारी वैज्ञानिक दुनिया में न रिसोर्सेस की कमी है, न टैलेंट की है. यह पूरा मिशन स्वदेशी है. आत्मनिर्भर भारत की पहचान है. भारत दुनिया का बड़ा प्लेयर है. नेतृत्व करता है. इसरो एक-एक चरण पार करता जा रहा हूं
केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह और इसरो चीफ एस सोमनाथ चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसरो टीम और Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग को सफल बनाने सभी लोगों को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया- "भारत ने स्पेस एक्सप्लोरेशन में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के लिए देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, "भारत ने आज चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर दी है. इसरो के वैज्ञानिकों को मेरी हार्दिक बधाई, जिनकी अथक खोज ने आज भारत को पीढ़ियों के लिए एक उल्लेखनीय अंतरिक्ष यात्रा की पटकथा लिखने की राह पर आगे बढ़ा दिया है.
Chandrayaan-3: 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुई एक उम्मीद... चंद्रयान-3 से हमें और दुनिया को क्या मिलेगा?
केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह और इसरो चीफ एस सोमनाथ चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग को लेकर जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस कॉन्फ्रेंस में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरमूथूवेल, SAC अहमदाबाद के डायरेक्टर निलेश एम देसाई, सतीश धवन स्पेस सेंटर के डायरेक्टर ए. राजाराजन, वीएसएससी के डायरेक्टर डॉ. एस उन्नीकृष्ण नायर, यूआरएससी के डायरेक्टर एम. शंकरन और डॉ. वी नारायणन भी शामिल होंगे.
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने किहा, "चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है. हमारे एलवीएम-3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया है.
चन्द्रयान 3 की मिशन डायरेक्टर ऋतु करिधाल के घर खुशी का माहौल. एक-दूसरे को मिठाई खिला कर बधाई दी. ऋतु करिधाल के भाई रोहित करिधाल ने कहा कि हर किसी को इस पल की खुशी है. मुझे और मेरे परिवार को बहन पर गर्व है. उन्होंने बताया कि ऋतु शुरू से ही पढ़ाई में बहुत रुचि लेती थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद ट्वीट किया. उन्होंने लिखा-चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा. इसने हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरी है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!
भारत का तीसरा मून मिशन 'चंद्रयान-3' (Chandrayaan-3) शुक्रवार को दोपहर 2.35 मिनट पर लॉन्च हो गया. यह करीब 42 दिन बाद चंद्रमा पर लैंड करेगा.
चंद्रयान की लॉन्चिंग देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं. सभी इंजन में फ्यूल भरा जा चुका है. इसरो टीम प्रोग्राम्स और सॉफ्टवेयर की जांच कर रही है. अब से कुछ ही देर में चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग होगी. (इनपुट- ऋचिक मिश्रा, श्रीहरिकोटा से)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर पहुंचे हैं. इसके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार भी चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग पर मौजूद हैं. (इनपुट- ऋचिक मिश्रा, श्रीहरिकोटा से)
सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी बीच पर रेत से उकेरी चंद्रयान-3 की तस्वीर.
बीजेपी नेता तेमजेन इम्ना अलोंग ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर अभिनेता अमिताभ बच्चन का एक वीडियो शेयर किया है.
चंद्रयान-3 का काउंटडाउन जारी है. 2 घंटे बाद चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग होगी. लॉन्चिंग को देखने के लिए इसरो की साइट पर 237 स्कूली बच्चे पहुंचे हैं. मीडिया कवरेज के लिए 200 जर्नलिस्ट्स भी पहुंचे हैं. (इनपुट- ऋचिक मिश्रा, श्रीहरिकोटा से )
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की बात है, तो 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा. आज चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा. यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा.
चंद्रयान-3 की लॉन्च की तैयारी पूरी है. श्रीहरिकोटा में तापमान 32 डिग्री है. आसमान भी साफ है. (इनपुट- ऋचिक मिश्रा, श्रीहरिकोटा से)
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1. चंद्रयान-3 मिशन क्या है?
चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है. जिसमें लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा.
2. चंद्रयान-2 से कैसे अलग हैं चंद्रयान-3?
चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था. जबकि चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है. जरुरत पड़ने पर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की मदद ली जाएगी. प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़कर, चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगाता रहेगा. यह कम्यूनिकेशन के लिए है.
3. चंद्रयान-3 का मकसद क्या है?
ISRO वैज्ञानिक दुनिया को बताना चाहते हैं कि भारत दूसरे ग्रह पर सॉफ्ट लैंडिंग करा सकता है. वहां अपना रोवर चला सकता है. चांद की सतह, वायुमंडल और जमीन के भीतर होने वाली हलचलों का पता करना.
4. चंद्रयान-3 में कितने पेलोड्स जा रहे हैं?
चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में कुल मिलाकर छह पेलोड्स जा रहे हैं. पेलोड्स यानी ऐसे यंत्र जो किसी भी तरह की जांच करते हैं. लैंडर में रंभा-एलपी (Rambha LP), चास्टे (ChaSTE) और इल्सा (ILSA) लगा है. रोवर में एपीएक्सएस (APXS) और लिब्स (LIBS) लगा है. प्रोपल्शन मॉड्यूल में एक पेलोड्स शेप (SHAPE) लगा है.
5. कितने दिन काम करेगा चंद्रयान-3?
इसरो वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि लैंडर-रोवर चंद्रमा पर एक दिन तक काम करेंगे. यानी पृथ्वी का 14 दिन. जहां तक प्रोपल्शन मॉड्यूल की बात है तो यह तीन से छह महीने तक काम कर सकता है. संभव है कि ये तीनों इससे ज्यादा भी काम करें. क्योंकि इसरो के ज्यादातर सैटेलाइट्स उम्मीद से ज्यादा चले हैं.
6. कौन सा रॉकेट ले जाएगा चंद्रयान को?
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए इसरो LVM-3 लॉन्चर यानी रॉकेट का इस्तेमाल कर रहा है. यह भारी सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में छोड़ सकता है. यह 43.5 मीटर यानी करीब 143 फीट ऊंचा है. 642 टन वजनी है. यह LVM-3 रॉकेट की चौथी उड़ान होगी. यह चंद्रयान-3 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में छोड़ेगा. यानी 170x36500 किलोमीटर वाली अंडाकार कक्षा. इससे पहले इसे GSLV-MK3 बुलाते थे. जिसके छह सफल लॉन्च हो चुके हैं.
7. इस मिशन का सबसे कठिन हिस्सा कौन सा है?
लैंडर को चांद की सतह पर उतारना सबसे कठिन काम है. 2019 में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन खराब हो गया था. चंद्रयान-3 के लैंडर के थ्रस्टर्स में बदलाव किया गया है. सेंसर्स ज्यादा संवेदनशील लगाए गए हैं. लैंडिंग के समय वैज्ञानिकों की सांसें थमी रहेंगी.
8. कितने दिन बाद चांद पर लैंड करेंगे लैंडर-रोवर?
14 जुलाई 2023 की लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर 45 से 50 दिन के अंदर जब सॉफ्ट लैंडिंग करेंगे. इस दौरान 10 चरणों में मिशन को पूरा किया जाएगा.
9. दुनिया के कितने देश कर चुके हैं चांद पर लैंडिंग?
इससे पहले दुनिया के चार देश चांद पर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास कर चुके है. कुल मिलाकर 38 बार सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया गया है. लेकिन सारे सफल नहीं हुए.
10. चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता दर कितनी है?
चार देशों द्वारा किए गए प्रयास में सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता दर सिर्फ 52 फीसदी है. यानी सफलता की उम्मीद 50 फीसदी ही करनी चाहिए.
(इनपुट- ऋचिक मिश्रा, श्रीहरिकोटा से)
चंद्रयान-2 में विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग हो गई थी. तीन महीने बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसका मलबा ढूंढा था. इसके चार साल बाद अब फिर इसरो चंद्रयान-3 के जरिए लैंडर और रोवर को दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश करेगा. रोवर, एक छह पहियों का रोबोट है जो लैंडर के अंदर ही होगा और लैंडिंग के बाद बाहर आएगा.
इसरो इससे पहले साल 2008 में चंद्रयान-1 और 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च कर चुका है. चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था. चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ-साथ लैंडर और रोवर भी थे. चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा, सिर्फ लैंडर और रोवर ही रहेंगे. इसरो ने इस बार भी लैंडर का नाम 'विक्रम' और रोवर का 'प्रज्ञान' रखा है. चंद्रयान-2 में भी लैंडर और रोवर के यही नाम थे. चंद्रयान-3 को चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन बताया जा रहा है. इसका मकसद भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना है.