भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी की ओर से तुगलक रोड थाने में इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना सज्जाद नोमानी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक फतवे के माध्यम से भाजपा से जुड़े मुस्लिम कार्यकर्ताओं का बहिष्कार करने और उन्हें इस्लाम धर्म से खारिज करने का आह्वान किया गया. विवादित फतवे का बाकायदा एक वीडियो भी जारी किया गया है.
गौरतलब है कि मौलाना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा के साथ काम करने वाले मुसलमानों से सामाजिक और धार्मिक संबंध समाप्त कर दिए जाएं. उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे लोग इस्लाम धर्म से बाहर हो चुके हैं और उनका 'हुक्का-पानी बंद' कर देना चाहिए, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
मौलाना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कड़ा रुख अपनाया और दिल्ली पुलिस से लिखित शिकायत कर मौलाना सज्जाद नोमानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. साथ ही इस बात का उल्लेख किया गया है कि इस बयान के कारण समाज में विभाजन और धार्मिक उन्माद फैलाने का खतरा है. इस मामले में पुलिस से तुरंत संज्ञान लेने और आवश्यक कदम उठाने की अपील की गई है.
'मुस्लिम कार्यकर्ताओं का किया जा रहा सामाजिक बहिष्कार'
इस मुद्दे आजतक से बात करते हुए जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मौलाना के इस बयान के बाद भाजपा से जुड़े मुस्लिम कार्यकर्ताओं का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है. उन्हें मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थानों पर तिरस्कार और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मौलाना के इस बयान से प्रभावित होकर सोशल मीडिया पर कई लोग गाली-गलौज और अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं. जमाल सिद्दीकी ने ये भी दावा किया है कि उन्हें और अन्य कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं.
'घनश्याम नाम से पुकार रहे लोग'
पुलिस को दी गई शिकायत में सिद्दीकी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारियों को 'घनश्याम' नाम से पुकार रहे हैं जिससे झगड़े की स्थिति पैदा हो रही है क्योंकि मौलाना ने अपने फतवे में भाजपा में काम करने वाले मुस्लिमों को 'घनश्याम' नाम से बुलाने को कहा है. ऐसे फतवे के कारण भाजपा में काम करने वाले मुसलमानों को जान-माल सहित समाज में विभाजन और धार्मिक उन्माद फैलने का खतरा पैदा हो गया है.
पीयूष मिश्रा