महाराष्ट्र के औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने एक नाटक रुकवा दिया, जिसमें राम-सीता और लक्ष्मण की भूमिका निभाई जा रही थी. ABVP कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस नाटक में हिंदू देवी-देवताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा था.
विश्वविद्यालय में अभी युवक महोत्सव चल रहा है, जिसमें यूनिवर्सिटी के ही छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं. ऑडिटोरियम में जब छात्र राम-सीता और लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे थे उसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने नाटक रुकवा दिया और नारेबाजी करने लगे. उनका आरोप है कि हिंदू देवी-देवताओं को गलत तरीके से दिखाया गया.
इसको लेकर विश्वविद्यालय की मेन बिल्डिंग में बजरंग दल के मराठवाड़ा युवा अध्यक्ष सुभाष मकोरिया ने वाइस चांसलर से मुलाकात की. बजरंग दल का कहना है कि हमेशा हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेकर उन्हें अपमानित किया जाता है. अब यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा. संगठन ने मांग की है कि इस तरह के नाटक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं इस महोत्सव के जिम्मेदारों ने बताया कि जो नाटक ऑडिटोरियम में पेश किया गया था, उसमें किसी भी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि नाटक शुरू होने से पहले नाटक की स्क्रिप्ट को चेक किया गया था. दरअसल नाटक को बीच में ही रोक दिया गया इसलिए लोगों को लग रहा कि इसमें देवी-देवताओं का अपमान किया गया है.
इस मामले में यूनिवर्सिटी के नाटक विभाग के ही एक प्रोफेसर ने बताया कि जिस तरह का आज माहौल है और लोग एक-दूसरे के धर्म को लेकर टिप्पणी करते हैं, उसे ही दर्शाना चाह रहे थे, लेकिन नाटक शुरू होते ही इसका विरोध कर दिया गया और उसे बंद करा दिया गया.
(इनपुट- इसरार चिश्ती)
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