'20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जरूरी है मध्यम वर्गीय परिवार की सुरक्षा', जानें- ऐसे क्यों बोले अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "ऑनलाइन मनी गेमिंग की वजह से समाज में एक कुरीति फैल रही है. इस तरह से देश में एक समस्या बन चुकी है, जिससे 45 करोड़ लोग प्रभावित हो चुके हैं. 20 हजार करोड़ रुपए मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब से निकल चुके हैं."

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अश्विनी वैष्णव ने बताया गेमिंग बिल का मकसद (Photo: PTI) अश्विनी वैष्णव ने बताया गेमिंग बिल का मकसद (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST

केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में 'प्रोमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल' पेश किया. इस पर विपक्ष की तरफ से हंगामा किया गया और इस बिल का विरोध किया गया. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने बिल पर डिबेट नहीं किया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तमाम तरह के पहलुओं पर आजतक के साथ बातचीत की है.

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उन्होंने बिल पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम लोग डिबेट के लिए तैयार थे. विपक्ष को डेमोक्रेसी और संविधान में कोई विश्वास नहीं है. वो लोग वेल में आकर चिल्लाते हैं. चुनाव आयोग के खिलाफ गलत तथ्यों के आधार पर कैंपेन किया जाता है."

अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, "ऑनलाइन मनी गेमिंग की वजह से समाज में एक कुरीति फैल रही है. इस तरह से देश में एक समस्या बन चुकी है, जिससे 45 करोड़ लोग प्रभावित हो चुके हैं. 20 हजार करोड़ रुपए मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब से निकल चुके हैं. उसके ऊपर एक्शन लेने के लिए समाज के हर वर्ग से हर पार्टी के सांसदों से यह डिमांड आ रही थी कि इस पर रोक लगाई जाए."

कैसे इस बिल पर आगे बढ़े, इसका क्या आधार है?
 
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लंबे वक्त से गेमिंग इंडस्ट्री के साथ एंगेजमेंट चल रहा था, जिसमें पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह एंगेजमेंट पर बातचीत चल रही थी. पॉजिटिव इंपैक्ट को प्रमोट करना चाहिए. समाज में सीरियस समस्या आ रही है कि लोग सुसाइड कर रहे हैं. इन सब चीजों पर कंट्रोल पाने के लिए काफी दिनों से प्रयास चल रहा था. इसीलिए इस पर अब कठोर कदम उठाना पड़ा. 

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अश्विनी वैष्णव ने कहा, "जब भी समाज में कोई कुरीति और बड़ी समस्या आती है, तो कदम उठाने पड़ते हैं. मिडिल क्लास परिवार और रेवेन्यू के बीच हमने मिडिल क्लास परिवार को हमने चुना. रेवेन्यू से ज्यादा जरूरी मध्यमवर्गीय परिवारों की सुरक्षा है."

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गेम मेकिंग एक ऐसी इंडस्ट्री है, जो टेक्नोलॉजी बेस्ड इंडस्ट्री है, हम उसे प्रमोट कर रहे हैं. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज हम मुंबई में खोल चुके हैं. गेम मेकिंग एक ऐसा फील्ड है, जिसमें भारत को गेम मेकिंग हब बनाना है. इसके लिए पूरी कोशिशें हो रही हैं. 

क्या लोग गैरकानूनी तरीकों तरफ नहीं चले जाएंगे?

अश्विनी वैष्णव ने कहा, "समाज में निगेटिव प्रभाव करने वाले पदार्थों से बचने के पूरे प्रयास करने चाहिए. जो गैरकानूनी है, अगर उसके लिए लोग प्रयास करते हैं, तो उसको रोकने की कोशिश तो करनी ही चाहिए. इसमें राज्य सरकारों की प्राथमिक भूमिका रहेगी."

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