बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में अरेस्ट किए गए दो आरोपियों की गिरफ्तारी से बड़ा खुलासा हो सकता है. संभावना जताई जा रही है कि दोनों से पूछताछ होने पर कर्नाटक समेत कई राज्यों में फैले स्लीपर सेल मॉड्यूल का पर्दाफाश हो सकता है. बताया जा रहा है कि पकड़ा गया एक आरोपी अब्दुल मथीन थाहा उस आतंकी ग्रुप से भी जुड़ा हुआ था, जिस ग्रुप ने 2019 में तमिलनाडु में हिंदू लीडर की हत्या की थी. बताया जा रहा है कि आरोपी विदेशी हैंडलर के भी संपर्क में था, जिससे उसे लगातार निर्देश मिल रहा था.
बता दें कि रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पश्चिम बंगाल से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए एक आरोपी का नाम मुसाविर शाजीब हुसैन है, जिसने विस्फोट को अंजाम दिया था. एक अन्य साजिशकर्ता का नाम अब्दुल मथीन ताहा है.
18 स्थानों पर की थी छापेमारी
इससे पहले एनआईए की टीमों ने कर्नाटक में 12, तमिलनाडु में 5 और उत्तर प्रदेश में एक जगह सहित कुल 18 स्थानों पर कार्रवाई की गई थी. इस दौरान सह-साजिशकर्ता मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया था. एनआईए ने इस केस को 3 मार्च को अपने हाथ में लिया था. NIA ने कुछ दिनों पहले प्रेस रिलीज जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि ब्लास्ट को किसने अंजाम दिया था.
दोबारा शुरू किया गया कैफे
बता दें कि एक मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट हुआ था. इस धमाके में 9 लोग घायल हो गए थे. पुलिस सूत्रों ने कहा था कि कैफे में टाइमर का उपयोग करके आईईडी बम धमाका किया गया था. धमाके के बाद महाशिवरात्रि के अवसर पर कैफे को बड़ी धूमधाम से फिर से खोला गया था.
ग्राहकों पर रखी जा रही निगरानी
प्रशासन के मुताबिक, ग्राहकों की जांच के लिए कैफे के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. एंट्री की अनुमति देने से पहले कर्मचारी प्रत्येक ग्राहक की हैंडहेल्ड डिटेक्टरों से जांच की जाएगी. सभी ग्राहकों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और कर्मचारी किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जाएगी.
अरविंद ओझा