दिल्ली में मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए 4 लाख से ज्यादा लोगों ने किया आवेदन

दिल्ली में रिवीजन मतदाता सूची तैयार करने दौरान चार लाख से अधिक नए मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन दिए हैं, जबकि मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए 82 हजार से अधिक आवेदन आए हैं. वही दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र में गलत तरीके से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

Advertisement
दिल्ली मतदाता सूची (प्रतीकात्मक फोटो) दिल्ली मतदाता सूची (प्रतीकात्मक फोटो)

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

दिल्ली में स्पेशल समरी रिवीजन वोटर सूची तैयार होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इस दौरान 4.8 लाख से अधिक नए मतदाताओं ने पंजीकरण के लिए आवेदन दिया है, जबकि मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए 82 हजार से अधिक आवेदन आए हैं. वोटरों की अंतिम सूची 6 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी.

मुख्य निर्वाचन कार्यालय, दिल्ली ने केंद्नीय चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के साथ इस प्रक्रिया को पूरा किया है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी योग्य मतदाताओं के लिए चुनाव सूचियां समावेशी हों.

Advertisement

डोर टू डोर जाकर सत्यापन किया गया

पूर्व-पुनरीक्षण अवधि में बूथ स्तर के अधिकारियों द्वारा 20 अगस्त 2024 से 18 अक्टूबर 2024 तक घर-घर जाकर सत्यापन किया गया, इसका उद्देश्य अयोग्य नागरिकों, 18 साल से कम आयु वाले संभावित मतदाताओं और डुप्लिकेट प्रविष्टियों की पहचान करना था. इसके बाद 29 अक्टूबर 2024 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसमें जनता से दावे और आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं. ये 28 नवंबर 2024 तक स्वीकार की गईं और 24 दिसंबर 2024 तक सभी दावे और आपत्तियां निपटाई गईं.

हालांकि, निरंतर अपडेट करने का काम अभी भी चल रहा है. 29 नवंबर 2024 से अब तक 4,85,624 नए पंजीकरण के लिए आवेदन मिले हैं, तो वहीं 82,450 आवेदन मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए मिले हैं, साथ ही 1,71,385 संशोधनों के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं. जो लोग अभी तक मतदाता पंजीकरण नहीं कर सके हैं, वे फॉर्म 6 का उपयोग करके आवेदन कर सकते हैं. 

Advertisement

ओखला विधानसभा क्षेत्र में गलत दस्तावेजों के आधार पर मतदाता पंजीकरण के लिए आठ व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल कर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वालों पर सख्त कार्रवाई आगे भी होती रहेगी.

मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने पुनरीक्षण अवधि के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें की हैं, ताकि युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिल सके. वहीं अपंजीकृत या गलत तरीके से दर्ज आवेदनों के लिए राजनीतिक दल भी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement