आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज हम चर्चा करेंगे घाटी में आतंक के लिए क्या हुर्रियत कॉन्फ्रेंस है ज़िम्मेदार? 100 करोड़ बच्चों पर क्लाइमेट चेंज की आफ़त और नेशनल मोनेटाइजेशन प्रोग्राम के तहत किन प्रोजेक्ट्स को बेच देगी सरकार, इस पर भी होगी चर्चा.
आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
1. आतंक के पीछे हुर्रियत का क्या है रोल?
धारा 370 हटने के बाद भी घाटी में आतंकियों की घुसपैठ रुकी नहीं, आए दिन सुरक्षाबलों से उनकी मुठभेड़ होती है और वे वहां के नेताओं को अपना निशाना बनाते रहते हैं. केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि उसने यहां जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपना रखी है. और अब ख़बर है कि इसी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी के तहत मोदी सरकार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों गुटों कट्टरपंथी और नरमपंथी को UAPA के तहत बैन कर सकती है. UAPA एक्ट के तहत सरकार अब तक जमात-ए-इस्लामी और JKLF को साल 2019 मे ही बैन कर चुकी है.
वैसे बता दें कि साल 1993 में 26 समूहों के साथ हुर्यिरत कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई थी. इसमें फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी भी शामिल थी. लेकिन ये समूह 2005 में दो गुटों में टूट गया. नरमपंथी गुट का नेतृत्व मीरवाइज और कट्टरपंथी गुट का नेतृत्व सैयद अली शाह गिलानी के हाथों में चला गया. तो अब जब इनके बैन होने का ख़तरा मंडरा रहा है तो इसके पीछे क्या कारण हैं और ये हुर्रियत संगठन किन-किन तरह से आतंकियों को मदद पहुंचाता है?
2. क्लाइमेट चेंज से बच्चों पर कितना खतरा?
UNICEF की तरफ़ से जारी उस रिपोर्ट की जिसमें क्लाइमेट चेंज यानि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से क़रीब सौ करोड़ बच्चों को खतरे का अंदेशा जताया गया है. UNICEF की इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, नाइजीरिया, फिलीपींस और अफ्रीका समेत 33 देशों के बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण के चलते संकट मंडरा रहा है. यहां बच्चे एक साथ तीन या चार प्रभावों का सामना कर रहे हैं. इन प्रभावों में हीटवेव, बाढ़, चक्रवात, बीमारी, सूखा और वायु प्रदूषण शामिल हैं. तो इन संकटों से बचने के लिए क्या उपाय तत्काल करने की ज़रूरत है?
3. NMP से कैसे पैसा जुटाएगी मोदी सरकार?
कोरोना संकट में पूरी दूनिया की अर्थव्यवस्था एक बुरे दौर से गुजर रही है. और यही इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकारी संपत्ति को बेचने के लिए नेशनल मोनेटाइजेशन प्रोग्राम यानि NMP की शुरुआत करने जा रही है. ये प्रोग्राम आज से ही लांच हो रहा है. नेशनल मोनेटाइजेशन प्रोग्राम यानि NMP के जरिेए ही इनवेस्टर्स को किसी प्रोजेक्ट के बारे में एक साफ तस्वीर मिल सकेगी.
NMP से मोदी सरकार ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट से पैसे जुटाने की कोशिश करेगी. मोदी सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए नए-नए रास्ते तलाश रही है. NMP का जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में भी किया था. अब मोदी सरकार ने NMP के लिए किन-किन प्रोजेक्ट्स का चयन किया है और इसके ज़रिए और किस तरह से पैसा जुटाने की सोच रही है सरकार?
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