आज का दिनः अफगानिस्तान से अमेरिका का ऐसे जाना बाइडेन को क्या नुकसान पहुंचाएगा?

जंग खत्म होना बाइडेन की साख पर धब्बा? चुनाव से पहले यूपी की जनता के क्या हैं मुद्दे? जालियांवाला बाग़ के रेनोवेशन ने फिर खोल दी पंजाब कांग्रेस के कलह की कलई? और डेल स्टेन को कैसे मिली स्विंग बोलिंग में बादशाहत? सुनिए आज तक रेडियो पर...

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जो बाइडेन (फाइल फोटो-AP/PTI) जो बाइडेन (फाइल फोटो-AP/PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST

आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज हम चर्चा करेंगे अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस लाने का फैसला कैसे अमेरिका की राजनीति और राष्ट्रपति जो बाइडेन के करियर को कैसे प्रभावित करेगा. उसके बाद जानेंगे कि यूपी की जनता के ऐसे कौनसे मुद्दे हैं जो अगले साल होने वाले चुनावों की दशा और दिशा तय कर सकते हैं. और पंजाब में जालियांवाला बाग के रेनोवेशन को लेकर जंग छिड़ गई है, इस पर भी चर्चा करेंगे. 

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आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

1. सेना वापसी के फैसले का बाइडेन पर क्या असर?

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना जा चुकी है, अमेरिका ने 24 घंटे पहले ही वहां से एग्ज़िट किया. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने काबुल एयरपोर्ट से कहा कि अमेरिका के सैनिक काबुल एयरपोर्ट से जा चुके हैं. अब हमारा देश पूरी तरह से आजाद है. 20 साल का मिलिट्री मिशन खत्म हुआ, जिसमें हजारों सैनिक मारे गए और लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. अमेरिका की 'हार' दूसरे आक्रमणकारियों के लिए सबक है. आज तालिबान उसी काबुल एयरपोर्ट का मालिक है, जिस एयरपोर्ट पर अमेरिका का राज हुआ करता था. तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है. 

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वहीं अमेरिका के प्रसिडेंट जो बाइडेन मानते हैं कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के साथ चलने वाले युद्ध को ख़त्म कर दिया है. देर रात उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने इस युद्ध को ख़त्म करके अपना वो वादा निभाया है, जो उन्होंने राष्ट्रपति पद की दावेदारी के वक़्त अमेरिका की जनता से किया था. बाइडेन ने ये भी कहा कि वो अफ़ग़ानी लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे, महिलाओं, बच्चों, व मानवाधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे.

बहराल सवाल ये है कि अमेरिकी पॉलिटिक्स में इस पूरे घटनाक्रम के क्या मायने हैं, वहां कि घरेलू राजनीति पर इसका क्या असर पड़ सकता है, बाइडेन इसे भले ही सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर दिखा रहे हों लेकिन कहीं ये सब उनके कार्यकाल पर सबसे बड़ा धब्बा तो साबित नहीं होगा? और अगर भविष्य में अफ़ग़ानिस्तान में कोई बड़ा हादसा होता है तो फिर कौन इसकी ज़िम्मेदारी लेगा?

2. इस बार यूपी चुनाव के कौन से मुद्दे होंगे?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव क़रीब है और हर पार्टी अपनी प्रेज़ेंस को मजबूत करने के तरीक़े आज़मा रही है. दिल्ली के अलावा बाकी जगहों पर चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी आम आदमी पार्टी भी यूपी की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि वोट बैंक की गै़रमौजूदगी में भी आम आदमी पार्टी की ये मंशा कि यूपी की राजनीति में उनको कुछ हिस्सा नसीब हो, ये तो परिणाम जब आएंगे तब ही पता चलेगा. 

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उधर समाजवादी पार्टी से अलग हो कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना चुके शिवपाल यादव ने भी पार्टी मजबूत करने की दिशा में यात्रा निकालने का एलान कर दिया है. समाजवादी पार्टी के सामने अब सबसे बड़ी मुसीबत यही होगी कि अपने कोर वोटर्स को कैसे समाजवादी से 'प्रगतिशील समाजवादी' होने से बचाएं यानी शिवपाल के पाले में जाने से रोकें. तो ये तो राजनीतिक हलचलों की बात रही.

लेकिन उत्तर प्रदेश के वोटर्स के मन में क्या चल रहा है. अभी हाल ही में यूपी ऑक्सीजन त्रासदी से गुज़रा, किसान आंदोलन और तमाम संघर्षो को तो देख ही रहा है. इस बीच दी लल्लनटॉप डॉट कॉम के एडिटर सौरभ द्विवेदी उत्तर प्रदेश में हर ज़िले का हाल जानने निकले हैं. हमने सौरभ से बात की और पूछा कि उत्तर प्रदेश के किन किन इलाक़ों में अभी तक आप घूमे हैं और वहां घूमते हुए क्या कुछ समझ आया कि इस बार के यूपी चुनाव में क्या मुद्दे हैं लोगों के लिए?  मुद्दे वही हैं जो हर बार होते हैं? या कोई नया रंग है इस बार?

3. जालियांवाला बाग के रेनोवेशन पर पंजाब कांग्रेस में दो फाड़?

यूपी से अब पंजाब की ओर चलते हैं, उधर केंद्र सरकार जलियांवाला बाग को नए स्वरूप देने यानी रिनोवेशन करने के निर्णय की काफी आलोचना हो रही है. कहा जा रहा इससे वहाँ हुए शहीदों का अपमान होगा. जलियांवाला बाग हमारी विरासत है और उसे पुराने रूप में ही रखना हमारा कर्तव्य था लेकिन केंद्र सरकार ने उसे नए सांचे में डालने का निर्णय ले कर ग़लत किया है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को दोबारा बनाए गए परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा था कि यह देश का कर्तव्य है कि इसके इतिहास की रक्षा करें. अब सवाल ये है अगर ये चीजें पीएम के बयान जितनी ही सरल हैं तो इस पर ये इतना हो-हल्ला क्यों? और राहुल गांधी ने सुबह इसी रिनोवेशन को पूरी तरह ग़लत बताते हुए एक बयान दिया था उसके बाद शाम को अमरिंदर सिंह ने रिनोवेशन को अच्छा कदम बता दिया.  

तो कुल मिला कर इस मुद्दे से ही सही पर फिर से पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक न होने के आसार नजर नहीं आ रहे. हालांकि पार्टी कह रही है कि कुछ कन्फ्यूजन के चलते ये हुआ तो ये महज़ कन्फ्यूजन है या सोची समझी रणनीति के तहत अमरिंदर ने ऐसा किया?

4. स्टेन को कैसे मिली स्विंग बोलिंग में बादशाहत?

'स्टेन गन' के नाम से मशहूर साउथ अफ्रीका के डेल स्टेन ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. स्टेन ने रिटायरमेंट की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिेए की. साल 2015 के बाद से ही स्टेन अपनी चोट के चलते टीम से अंदर-बाहर होते रहे. भारतीय दौरे के दौरान स्टेन को ग्रोइन इंजरी भी हुई थी जिसके बाद से हीउनकी फास्ट बॉलिंग पर सवाल उठने लगे. 

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स्टेन ने साउथ अफ्रीका के लिए 93 टेस्ट, 125 वनडे और 47 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं तो वहीं उनके नाम टेस्ट में 439, वनडे में 196 और टी-20 में 64 विकेट हैं. स्टेन ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था तो वहीं फरवरी 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टी-20 मैच खेला था. अपनी तेज रफ्तार और सटीक लाइन लेंथ के दम पर डेल स्टेन ने कई मैचों में टीम को जीत दिलाई. तो स्टेन ने स्विंग बोलिंग में बादशाहत कैसे हासिल की?

1 सितंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

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