पेंशन लेने रेंगकर पंचायत ऑफिस पहुंची 70 साल की दिव्यांग महिला, ओडिशा CM के गृह जनपद का मामला

राज्य सरकार ने अधिकारियों को बुजुर्ग और विकलांग लाभार्थियों की पेंशन उनके दरवाजे तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया था. हालांकि, देहुरी ने कहा कि एक पंचायत अधिकारी ने उन्हें मासिक पेंशन लेने के लिए कार्यालय जाने के लिए कहा था और उन्हें शनिवार को वहां पहुंचने के लिए रेंगना पड़ा. इसके चलते उनके पैरों, घुटनों और हाथों पर गंभीर छाले पड़ गए.

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पेंशन के लिए रेंगकर पंयाचत ऑफिस पहुंची बुजुर्ग महिला पेंशन के लिए रेंगकर पंयाचत ऑफिस पहुंची बुजुर्ग महिला

अजय कुमार नाथ

  • क्योंझर,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

ओडिशा के क्योंझर जिले में हैरान करने वाली तस्वीर देखने को मिली. यहां एक 70 वर्षीय महिला को वृद्धावस्था पेंशन लेने के लिए अपने घर से पंचायत कार्यालय तक करीब दो किलोमीटर रेंगना पड़ा. बीमार महिला की पहचान रायसुआन ग्राम पंचायत की निवासी पथुरी देहुरी के रूप में हुई है, जो चल नहीं सकती. बुजुर्ग महिला अपनी आजीविका के लिए पेंशन पर निर्भर है और उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है. 

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गांव की सड़क पर रेंगती देहुरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोग स्थानीय प्रशासन की खूब आलोचना कर रहे हैं. 

बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को बुजुर्ग और विकलांग लाभार्थियों की पेंशन उनके दरवाजे तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया था. हालांकि, देहुरी ने कहा कि एक पंचायत अधिकारी ने उन्हें मासिक पेंशन लेने के लिए कार्यालय जाने के लिए कहा था और उन्हें शनिवार को वहां पहुंचने के लिए रेंगना पड़ा. इसके चलते उनके पैरों, घुटनों और हाथों पर गंभीर छाले पड़ गए.

सीएम के गृह जिले में आता है पंचायत ऑफिस

संबंधित ग्राम पंचायत ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के गृह जिले क्योंझर के तेलकोई ब्लॉक के अंतर्गत आती है. तेलकोई प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) गीता मुर्मू ने पीटीआई को बताया कि वृद्धावस्था पेंशन पहले उनके बैंक खाते में भेजी जाती थी. हालांकि, जब वह बीमार हो गईं और बैंक जाने में असमर्थता जताई, तो स्थानीय प्रशासन ने हाथों-हाथ पेंशन देना शुरू कर दिया है.

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अब, पंचायत विस्तार अधिकारी को हर महीने देहुरी के घर जाकर वृद्धावस्था पेंशन देने के लिए कहा गया है. बीडीओ ने कहा कि उन्हें व्हीलचेयर भी मुहैया कराई गई है. रायसुआन के सरपंच बागुन चंपिया ने कहा कि नागरिक आपूर्ति सहायक देहुरी को उनके घर पर ही राशन उपलब्ध कराएंगे.

पथुरी ने कहा, "पंचायत कार्यकारी अधिकारी (पीईओ) ने मुझे अपनी पेंशन प्राप्त करने के लिए कार्यालय आने के लिए कहा. कोई अन्य विकल्प न होने और मेरी मदद करने वाला कोई न होने के कारण, मुझे पंचायत कार्यालय तक पहुँचने के लिए 2 किमी तक रेंगना पड़ा. मेरे लिए कोई नहीं है." 

पूछताछ करने पर, पंचायत कार्यकारी अधिकारी ने घटना को स्वीकार किया, लेकिन महिला की स्थिति के बारे में अनभिज्ञ प्रतीत हुआ.

सरपंच ने खेद व्यक्त किया

घटना के जवाब में, रायसुआन पंचायत के सरपंच ने खेद व्यक्त करते हुए दावा किया कि उन्हें महिला की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी. सरपंच ने कहा, "हमें नहीं पता था कि बुजुर्ग महिला को रेंगकर कार्यालय जाना पड़ता है. हाल ही में उनका एक्सीडेंट हुआ था, जिसके कारण उन्हें चलने में दिक्कत हो सकती है. हमने पहले ही तय कर लिया है कि हर महीने की 15 तारीख तक उनकी पेंशन और राशन उनके घर पहुंचा दिया जाएगा." 

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उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार, पथुरी को जल्द ही व्हीलचेयर मुहैया कराई जाएगी. सरपंच ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उसे अगले महीने से सभी आवश्यक सहायता मिले. हमने आधिकारिक चैनलों के माध्यम से मामले को संबोधित किया है."

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