उत्तराखंड में बीते छह हफ्तों में पांच हेलीकॉप्टर हादसों में 13 लोगों की मौत हो गई. इन हादसों ने न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आम लोगों और विपक्षी दलों में भी गहरी चिंता पैदा की है. इसी बीच कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पूर्व राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने हादसे की जिम्मेदारी लेने के बजाए बीजेपी नेता पर बदजुबानी करने का आरोप लगाया है.
दरअसल, बीजेपी के महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी, पूर्व राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम ने दुर्घटना के बारे में मीडिया से बात कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, लोग तो मर ही रहे हैं, मृत्यु दर में चलेगी, पर हादसे का दुख तो है.
इसी बीच उन्होंने भड़कते हुए कहा कि आप चलाइए, आप दो-तीन अच्छी योजनाएं चलाइए. आप बी चलाइए हेलिकॉप्टर, जिसमें न मरें लोग. गारंटी देकर चलाइए. आप लोग महापुरुष हैं... दुष्यंत गौतम के इसी बयान को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इस उनके इस बयान को जवाबदेही से बचने की कोशिश करार दिया है.
सुप्रिया श्रीनेत ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने दुष्यंत गौतम के बयान की आलोचना की है और उनके बयान को बदजुबानी करार दिया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जवाबदेही के बजाय यह बदजुबानी करने वाले BJP महासचिव एवं उत्तराखंड प्रभारी, पूर्व राज्यसभा MP दुष्यंत गौतम हैं. उत्तराखंड में पिछले 6 हफ्तों में 5 हेलीकॉप्टर क्रैश हुए हैं, जिनमें 13 लोगों की दर्दनाक मौत हुई है.'
विपक्षी दलों ने साधा निशाना
दुष्यंत गौतम के बयान पर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है. कांग्रेस नेता हरिश रावत ने कहा, 'जब लोगों की जानें जाती हैं तो ऐसे बयान देना बेहद शर्मनाक है. सरकार को जवाबदेही लेनी चाहिए, न कि ऐसे बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करनी चाहिए.'
दूसरी ओर BJP ने अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
हादसों का सिलसिला
उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसों का सिलसिला जारी है, जिसने राज्य की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इन हादसों में कई तीर्थयात्री और पायलटों की जान गई है, जिससे राज्य सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है. विपक्ष का आरोप है कि इन हादसों की जांच में देरी और सुरक्षा मानकों में लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं हो रही हैं.
रविवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसा चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है. इस हादसे में पायलट समेत 7 यात्रियों की मौत हो गई, जिनमें 10 वर्षीय बच्चा भी शामिल है.
इस हादसे से कुछ दिनों पहले श्रद्धालुओं को केदारनाथ लेकर जा रहे एक हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी के चलते अचानक हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद DGCA ने इस गंभीर सुरक्षा चूक को लेकर कार्रवाई की थी.
अलग-अलग हादसों में 13 लोगों की मौत
आपको बता दें कि उत्तराखंड में बीते छह हफ्तों में पांच हेलीकॉप्टर हादसे हुए हैं, जिनमें 13 लोगों की जान गई है. इन हादसों ने राज्य की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
15 जून, 2025 को केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के पास सुबह 5.30 बजे के आसपास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जिसमें पायलट समेत सभी यात्री शामिल थे.
10 जून, 2025 को रुद्रप्रयाग में एक हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई यात्री घायल हो गए थे.
3 जून, 2025: चमोली में एक हेलीकॉप्टर को मौसम की खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस घटना में किसी भी हताहत की जानकारी सामने नहीं आई थी.
25 मई, 2025 को उत्तरकाशी में एक हेलिकॉप्टर की खराब मौसम का कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुई.
8 मई, 2025 को उत्तरकाशी में एक निजी हेलीकॉप्टर गंगोत्री मंदिर की ओर जा रहा था. इसी दौरान हेलिकॉप्टर भागीरथी नदी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जिसमें पायलट और पांच महिलाएं शामिल थीं. और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.
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