तीन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया है. उनके शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत अब 34 जजों की अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करेगी. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा, राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और गौहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता को सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्त किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 नवंबर को उनके नामों की सिफारिश की थी. इसके चलते कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीनों जजों की नियुक्ति की घोषणा की.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है. पिछली बार, शीर्ष अदालत ने इस साल फरवरी में अपनी पूरी ताकत हासिल की थी, जब न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और अरविंद कुमार को शीर्ष अदालत में पदोन्नत किया गया था.
क्या है कॉलेजियम?
- कॉलेजियम का गठन 1993 में हुआ था. ये सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की एक कमेटी है. इसके अध्यक्ष चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होते हैं.
- कॉलेजियम जजों की नियुक्ति और प्रमोशन से जुड़े मामलों पर फैसला लेती है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति कॉलेजियम की सिफारिश पर ही होती है.
- इसके लिए कॉलेजियम केंद्र सरकार को नाम भेजती है, जिसे सरकार राष्ट्रपति के पास भेजती है. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद नोटिफिकेश जारी होता है और जज की नियुक्ति होती है.
- आमतौर पर सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों को मान लेती है. लेकिन कई बार कुछ नामों को दोबारा विचार करने को कहती है. हालांकि, अगर फिर से कॉलेजियम वही नाम सुझाती है तो सरकार उसे मंजूर करने के लिए बाध्य है.
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