अपने सियासी सफर में 82 साल के शरद पवार को सबसे बड़ी परीक्षा से गुजरना पडा क्योंकि चुनौती घर के अंदर से मिली थी. उस भतीजे ने ललकारा. जिसे एक जमाने में सियासत की गली में उंगली पकड़कर चलना सिखाया था. दांव-पेंच से भरी सियासत की दुनिया में अपनी जगह बनाने की कला सिखाई,लेकिन भतीजे ने चाचा से जो सिखा,वही एक दिन शरद पवार पर अजमा दिया.