महाराष्ट्र में शादी के लिए अनोखा आंदोलन, सैकड़ों युवकों ने दुल्हन की तलाश में निकाला मार्च

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में शादी के लिए सैकड़ों युवकों ने बैंडबाजे के साथ घोड़ी पर सवार होकर मार्च निकाला. युवकों का कहना था कि राज्य में लड़कियों की कमी के चलते उनकी शादी नहीं हो पा रही है. अविवाहित लोगों ने इस दौरान कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि उनके लिए सरकार दुल्हन ढूंढ़े, उनकी शादी करवाए. इस मार्च का आयोजन ज्योति क्रांति परिषद नाम की संस्था ने किया था.

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घोड़ी पर सवार होकर दुल्हन की तलाश में निकाला मार्च. (Representational image) घोड़ी पर सवार होकर दुल्हन की तलाश में निकाला मार्च. (Representational image)

aajtak.in

  • पुणे,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:28 AM IST

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक अनोखा आंदोलन देखने को मिला है. यहां एक संस्था के नेतृत्व में सैकड़ों अविवाहित युवकों घोड़ी पर सवार होकर मार्च निकाला. युवाओं ने कहा कि राज्य में दिनोंदिन लड़कियों की संख्या कम हो रही है. इसकी वजह से उनकी शादी नहीं हो पा रही है. स्त्री-पुरुष के विषम अनुपात का मुद्दा उठाते हुए अविवाहित युवकों ने अपने लिए दुल्हन की तलाश में मार्च निकाला. 

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इस मार्च का आयोजन एक संगठन ने किया था. इस दौरान महाराष्ट्र में पुरुष-महिला अनुपात में सुधार के लिए प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स एक्ट (PCPNDT एक्ट) को सख्ती से लागू करने की मांग की गई. युवाओं ने कलेक्टर कार्यालय को मांग पत्र भी सौंपा. इस पत्र में राज्य सरकार से मार्च में शामिल अविवाहित लोगों के लिए दुल्हन ढूंढ़ने की भी मांग की गई है.

बता दें कि इस अनोखे मार्च में शामिल अविवाहित युवक दूल्हे की पोशाक में घोड़ी पर सवार होकप कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान बैंड-बाजे वाले भी साथ रहे. कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर युवकों ने अपने लिए दुल्हन की मांग की.

'लड़कों को नहीं मिल पा रही है दुल्हन, निकल रही है उम्र'

इस मार्च का आयोजन करने वाली संस्था ज्योति क्रांति परिषद के संस्थापक रमेश बारस्कर ने कहा कि लोग इस मार्च का मजाक उड़ा सकते हैं, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि विवाह के योग्य लड़कों को सिर्फ इसलिए दुल्हनें नहीं मिल पा रही हैं, क्योंकि राज्य में पुरुष और महिलाओं का अनुपात विषम है. उनकी उम्र निकली जा रही है.

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उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में प्रति 1 हजार लड़कों पर 889 लड़कियां है. बारस्कर ने कहा कि यह असमानता कन्या भ्रूण हत्या के कारण बनी हुई है और सरकार इसके लिए जिम्मेदार है.

'महाराष्ट्र में बिगड़ रहा लड़के-लड़कियों के बीच का अनुपात'

रमेश बारस्कर ने कहा कि महाराष्ट्र में लड़कियों की संख्या घटती जा रही है. स्त्री-पुरुष के बीच का अनुपात बिगड़ रहा है. ऐसे में बहुत से युवक अविवाहित हैं, जिनकी शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल पा रही हैं. बहुत से लोग कुंवारे हैं, और शादी के इंतजार में हैं.

उन्होंने कहा कि लड़कों की शादी न हो पाने की वजह से उनके माता-पिता चिंतित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इसको लेकर उचित नीति लागू करे और शादी के योग्य हो चुके लड़कों को दूल्हों दुल्हन दिलवाए.

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में लिंग परीक्षण कानून को लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही है. इसकी वजह से भी लड़कियों की संख्या घटी है. इस कारण से बहुत से युवक अविवाहित रह गए हैं. उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. समय से विवाह न हो पाने के कारण युवक नशे के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में विचार करना चाहिए.

(एजेंसी)

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