जमीन में इंवेस्टमेंट और भारी मुनाफा... झांसा देकर लोगों से 64 लाख ठगने वाले 7 गिरफ्तार

महाराष्ट्र के ठाणे में जमीन में निवेश पर भारी मुनाफे का झांसा देकर लोगों से 64 लाख रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने एक महिला समेत सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोपियों पर फर्जी निवेश योजना चलाने और प्लॉट न देने का आरोप है.

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जमीन में इंवेस्टमेंट पर मुनाफा... झांसा देकर लोगों से 64 लाख ठगे (Photo: representational image ) जमीन में इंवेस्टमेंट पर मुनाफा... झांसा देकर लोगों से 64 लाख ठगे (Photo: representational image )

aajtak.in

  • ठाणे ,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस ने बुधवार को जमीन में इंवेस्टमेंट में भारी प्रॉफिट का वादा करके कई लोगों से 64 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक महिला समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

ठाणे के वागले एस्टेट डिवीजन के कपूरबावड़ी पुलिस स्टेशन में मुंबई के कांदिवली निवासी 28 वर्षीय व्यक्ति और अन्य अज्ञात पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. कपूरबावड़ी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया, 'सात आरोपियों की पहचान किसानराव राठौड़, मेनका राठौड़, युगंधर, संतोष पावस्कर, स्वप्निल बेगले, अविनाश नारकर और एक अन्य एजेंट के रूप में हुई है.'

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शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर एक इंवेस्टमेंट कंपनी के एजेंट के रूप में काम किया और सितंबर 2023 में एक फर्जी योजना शुरू की. अधिकारी ने बताया,'उन्होंने आकर्षक रिटर्न का वादा करके निवेशकों को लुभाया और उन्हें केवनी दिवे, कलहेर और भिवंडी जैसे क्षेत्रों में जमीन दिलाने का आश्वासन दिया. योजना के प्रचार के लिए विज्ञापन भी प्रकाशित किए गए थे.' 

हालांकि, वादा किए गए प्लॉट उन्हें कभी नहीं मिले. पीड़ितों ने स्पष्टीकरण और अपने पैसे की वापसी के लिए आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कथित तौर पर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया. उन्होंने कहा, 'कथित धोखाधड़ी में शामिल कुल राशि 64.56 लाख रुपये है. प्रत्येक आरोपी की भूमिका का पता लगाने और अन्य संभावित पीड़ितों की पहचान करने के लिए विस्तृत जांच चल रही है.'

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अधिकारी ने बताया कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 316(2) और 316(3) (आपराधिक विश्वासघात) और 3(5) (सामान्य इरादा) के साथ-साथ महाराष्ट्र जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम (एमपीआईडी) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
 

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