मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर हादसे में पांच लोगों की जान गई है. इनमें एक नाम 36 वर्षीय चेतन कदम का भी है. चेतन टोल प्लाजा पर कार्यरत था और एनसीपी कार्यकर्ता भी था. चेतन ने यहां सी लिंक पर कई लोगों को आत्महत्या करने से बचाया. इस काम के लिए वे अक्सर चर्चा में रहते थे. इसी वजह से चेतन को पहचान भी मिली. दो दिन पहले जब यहां हादसा हुआ, तब कुछ मिनट पहले ही चेतन की पत्नी से आखिरी बार फोन पर बात हुई थी. उसने बताया था कि वह एक दुर्घटना पीड़ित की मदद कर रहा है. उसके बाद परिजन को पता चला कि मौके पर एक और हादसा हो गया है और चेतन की भी जान चली गई है.
बता दें कि पांच अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक पर चार कार और एक एंबुलेंस की एक साथ टक्कर हो गई थी. इस दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी. 10 लोग जख्मी हो गए थे. कई वाहनों को एक SUV ने टक्कर मारी थी, जिसके ड्राइवर इरफान अब्दुल रहीम बिलकिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इरफान ने बताया था कि वह दुर्घटना से ठीक पहले मोबाइल फोन का चार्जर लगा रहा था तभी हादसा हो गया. जानकारी के मुताबिक, सी लिंक पर एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. इस हादसे में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई थी. इससे पहले एंबुलेंस घायलों को ले जाती, पीछे से 3 और गाड़ियां इससे टकरा गईं. इसके बाद सी लिंक पर चीख पुकार मच गई.
पत्नी ने बताया कि मंगलवार की रात चेतन कदम की नाइट ड्यूटी लगी थी. बुधवार तड़के लगभग 2.40 बजे एक कॉल आई और सूचना मिली कि सी लिंक पर एक कार रेलिंग से टकरा गई है. ये हादसा कार का टायर फटने से हुआ है. दुर्घटना में 4 लोग घायल हो गए हैं. मौके पर चेतन अपने चार साथियों के साथ रेस्क्यू करने पहुंचा. मौके पर एंबुलेंस भी पहुंच गई थी. इसी बीच, हुंडई क्रेटा पीछे से आई और टक्कर मार दी. इस कार को दक्षिण मुंबई निवासी इरफान अब्दुल रहीम बेलकिया चला रहा था. हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई. मारे गए चार अन्य लोगों में एंबुलेंस चालक सोमनाथ साल्वे (29), और गजराज सिंह (42), सत्येंद्र सिंह (35) और राजेंद्र सिंघल (40) का नाम शामिल था. इनमें टोल कर्मचारी भी थे.
तैरना नहीं जानते थे, फिर भी मदद के लिए आगे बढ़ते थे
चेतन की पत्नी चेताली कदम बताती हैं कि 2009 में सी लिंक का उद्घाटन होने के बाद से ही चेतन कदम के कार्य चर्चाओं में आ गए थे. 2016 में जब वह एक व्यक्ति सी लिंक की रेलिंग से कूदने की कोशिश कर रहा था, तब उसको पकड़ने का वीडियो वायरल हुआ था. वह तैरना नहीं जानता था, लेकिन वह खुद को लोगों की मदद करने से नहीं रोक पाता था. कभी-कभी वह खाना खाने के बीच में ही काम पर निकल जाते और मुझसे कहते थे कि मेरे काम के बीच में मत आना. उनका काम उनके लिए मां के समान था.
ड्यूटी ना होने के बावजूद मदद करने पहुंचते थे चेतन
चेताली बताती हैं कि चेतन वाहनों में फंसे शव निकालने और अस्पताल ले जाने में भी एक्सपर्ट थे. चेतन के सहयोगी विवेक सावंत कहते हैं कि मैंने और चेतन ने मिलकर कई लोगों को बचाया है. हमारे पास पिछले साल की एक तस्वीर है, जिसमें हमें सम्मानित किया जा रहा है. उसने हमेशा मुझे लोगों की मदद करने के लिए कहा, लेकिन अपना ख्याल रखने के लिए भी कहता था. जब भी सी लिंक पर संकट होता, तब चेतन ड्यूटी पर ना होते हुए भी मदद के लिए दौड़ पड़ते थे.
पत्नी को अब बेटे के करियर की चिंता
चेताली ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने काम को प्राथमिकता दी. तैरना नहीं आता था, फिर भी उन्होंने लोगों को बचाया. बुधवार को हमने आखिरी बार बात की थी. उन्होंने मुझे बताया कि दुर्घटना हुई है और वह किसी की मदद कर रहा है. पत्नी ने कहा कि पति चेतन की मौत होने से चार साल के बेटे दुर्वांक के भविष्य की चिंता सता रही है. वे चाहती हैं कि सरकार बेटे के करियर के बारे में सोचे और मदद करे, क्योंकि घर में चेतन ही एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. परिवार में चेतन की मां आशा भी हैं.
वर्ली पुलिस ने बताया कि एसयूवी कार के ड्राइवर बीलकिया को धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत तेज गति से वाहन चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि दुर्घटना के समय वह शराब के नशे में था.
मुस्तफा शेख