बांद्रा स्टेशन मामला: भीड़..विनय दुबे और पत्रकार, FIR में इन लोगों के नाम

घर जाने की ख्वाहिश में मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों का सैलाब उमड़ गया. मजदूरों की बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसके बाद आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई. मुंबई पुलिस ने बांद्रा स्टेशन के आसपास हुए इस बवाल के सिलसिले में विनय दुबे नाम के एक शख्स को जिम्मेदार माना है.

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बांद्रा स्टेशन पर उमड़ी भीड़ (फाइल फोटो-PTI) बांद्रा स्टेशन पर उमड़ी भीड़ (फाइल फोटो-PTI)

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 15 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

  • विनय दुबे पर भीड़ जुटाने के लिए मुकदमा दर्ज
  • जिस पत्रकार ने फर्जी खबर चलाई, उस पर केस

बांद्रा स्टेशन भीड़ मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज किए गए हैं. पहली एफआईआर उन 800-1000 लोगों के खिलाफ है जो स्टेशन पर अवैध रूप से जुटे जबकि सब जगह लॉकडाउन लागू है. इन लोगों पर लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. दूसरी एफआईआर विनय दुबे नाम के शख्स के खिलाफ हुई है जिस पर लोगों को जुटाने का आरोप है. इसी शख्स ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया और प्रवासी मजदूरों को स्टेशन तक पहुंचने के लिए उकसाया. तीसरी एफआईआर उस पत्रकार के खिलाफ हुई है जिसने फर्जी खबर चलाई कि अब ट्रेनें चलेंगी.

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बता दें, घर जाने की ख्वाहिश में मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों का सैलाब उमड़ गया. मजदूरों की बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसके बाद आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई. मुंबई पुलिस ने बांद्रा स्टेशन के आसपास हुए इस बवाल के सिलसिले में विनय दुबे नाम के एक शख्स को जिम्मेदार माना है. विनय दुबे पर लोगों को भड़का कर भीड़ जुटाने का आरोप है. देर रात को पुलिस ने इस शख्स को हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार इससे पूछताछ की जा रही है.

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पुलिस के मुताबिक विनय दुबे ने मुंबई में प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन तोड़ने के लिए भड़काया. विनय दुबे सोशल मीडिया पर 'चलो घर की ओर' नाम से अभियान चला रहा था. पुलिस के मुताबिक इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने में विनय की भी भूमिका है. विनय समेत पुलिस ने 1000 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. इलाके से सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस घटना की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.

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इस मामले में आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 185 और 188 के तहत और महामारी अधिनियम की धारा 3 में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में कल से ही राजनीति शुरू हो गई. उद्धव के बेटे और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने पहले तो केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की लेकिन बाद में महाराष्ट्र सरकार के तेवर नरम पड़े और उद्धव ठाकरे खुद मजदूरों की मदद की अपील के साथ सामने आए.

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