मंत्रियों के निजी सचिवों को लेकर महायुति में कलह! CM फडणवीस ने 6 PS और OSD को जारी किया नोटिस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रुख अपनाते हुए 6 अधिकारियों को नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. यह विवाद खासतौर पर शिवसेना के संजय राठौड़, शंभुराज देसाई, भारत गोगावले, गुलाबराव पाटिल और एनसीपी के दत्तात्रेय भरणे व छगन भुजबळ के निजी स्टाफ को लेकर गहराया है.

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महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

ऋत्विक भालेकर

  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

महाराष्ट्र की महायुति सरकार के भीतर गहरा होता असंतोष एक बार फिर सतह पर आ गया है. मामला है मंत्रियों द्वारा निजी सचिवों (PS) और विशेष कार्य अधिकारियों (OSD) की अनधिकृत और विवादित नियुक्तियों का, जिस पर अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रुख अपनाते हुए 6 अधिकारियों को नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है.

यह विवाद खासतौर पर शिवसेना के संजय राठौड़, शंभुराज देसाई, भारत गोगावले, गुलाबराव पाटिल और एनसीपी के दत्तात्रेय भरणे व छगन भुजबळ के निजी स्टाफ को लेकर गहराया है. इन मंत्रियों के कुछ PS और OSD ऐसे हैं जो वर्षों से उनके साथ कार्यरत हैं और भ्रष्टाचार व बेहिसाब संपत्ति इकट्ठा करने के आरोपों की जांच के दायरे में हैं.

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फडणवीस ने बार-बार निर्देश दिए थे कि सभी PS और OSD की नियुक्तियां मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की मंजूरी और स्क्रीनिंग प्रक्रिया से होकर ही होंगी. इसके बावजूद कुछ PS और OSD अपने "पसंदीदा मंत्रियों" के साथ काम करते रहे, जिससे नाराज होकर मुख्यमंत्री ने 6 अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है.

यह विवाद मुख्य रूप से शिवसेना के संजय राठौड़, शंभुराज देसाई, भारत गोगावले और गुलाबराव पाटिल, तथा NCP के दत्तात्रेय भरणे और छगन भुजबळ के इर्द-गिर्द घूमता है. इन मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्तियां अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रोकी गई थीं. सूत्रों के मुताबिक, कुछ सचिव बरसों से उन्हीं मंत्रियों के साथ हैं और उन पर अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस समस्या से निपटने के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई थी, जो कैबिनेट मंत्रियों के PS और OSD उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही थी. इसी प्रक्रिया के तहत कई पुराने सचिवों की नियुक्ति को रोका गया, लेकिन अब कुछ मंत्रियों के स्टाफ द्वारा खुलेआम आदेशों की उपेक्षा से मामला और गंभीर हो गया है.

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह नोटिस जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए गंभीर कदम है. सरकार भ्रष्टाचार मिटाने और प्रशासन में अनुशासन लाने के लिए प्रतिबद्ध है.”

वहीं, विपक्ष ने इसे महायुति गठबंधन में समन्वय की कमी और सीएम की पकड़ कमजोर होने का संकेत बताया है. कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “यह सिर्फ निजी सचिवों का मामला नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि गठबंधन में भरोसे की कमी है और मुख्यमंत्री के आदेशों की कोई परवाह नहीं कर रहा.”

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि कुछ PS और OSD के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं, जिन्हें वे मानसून सत्र में उठाएंगे. उन्होंने दावा किया कि इन्हीं शिकायतों के चलते नोटिस जारी किए गए हैं. इस बीच, कैबिनेट मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि इस पूरे मामले पर केवल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही स्पष्टीकरण दे सकते हैं.

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