खड़से के एनसीपी में एंट्री के बाद अब पंकजा मुंडे ने की पवार की तारीफ

महाराष्ट्र में एकनाथ खड़से के बीजेपी छोड़ने और एनसीपी का दामन थामने के एक सप्ताह के बाद अब पंकजा मुंडे ने शरद पवार की तारीफ की है. पंकजा मुंडे और फडणवीस के बीच सियासी रिश्ते जगजाहिर हैं. ऐसे में पंकजा मुंडे के एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ करने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं?    

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पंकडा मुंडे, धनंजय मुंडे और शरद पवार पंकडा मुंडे, धनंजय मुंडे और शरद पवार

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली ,
  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST
  • पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे एक साथ नजर आए
  • एकनाथ खड़से के बीजेपी छोड़ने के सियासी मायने
  • पंकजा मुंडे का शरद पवार की तारीफ के जरिए सियासी दांव

महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज है. एकनाथ खड़से के बीजेपी छोड़ने और एनसीपी का दामन थामने के एक सप्ताह के बाद अब पंकजा मुंडे ने शरद पवार की तारीफ की है. एकनाथ खड़से ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कार्यशैली से नाराज होकर बीजेपी को अलविदा कहा है. वहीं, पंकजा मुंडे और फडणवीस के बीच सियासी रिश्ते जगजाहिर हैं. ऐसे में पंकजा मुंडे के एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीख करने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं?    

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बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी व पूर्व मंत्री पंकजा ने मराठी में ट्वीट कर शरद पवार की प्रशंसा की है. मुंडे ने कहा, 'पवार साहब हैट्स ऑफ, कोरोना संक्रमण की परिस्थिति में आपकी एक के बाद एक दौरे व मीटिंग और काम करने की क्षमता वाकई सराहनीय है.' साथ ही उन्‍होंने अपने पिता गोपीनाथ मुंडे का जिक्र करते हुए कहा, 'पार्टी, विचार और राजनीति अलग-अलग हैं, फिर भी काम करने वालों का आदर मुंडे जी ने हमेशा सिखाया है.'

पंकजा मुंडे ने जिस तरह से खुले दिल से शरद पवार की तारीफ की है. उससे अब राजनीतिक हलके में नए कयास भी लगने शुरू हो चुके हैं, क्योंकि पंकजा मुंडे विधानसभा चुनाव के बाद से पार्टी में साइड लाइन चल रही है. वहीं, हाल ही में ओबीसी नेता एकनाथ खड़से ने बीजेपी छोड़कर एनसीपी का दामन थामने के बाद दावा किया था कि कई और बीजेपी नेता और विधायक बीजेपी छोड़ दूसरे दल में शामल होने वाले हैं. इनमें उन नेताओं की तादाद शामिल हैं जो देवेंद्र फडणवीस की कार्यशैली से नाखुश हैं और पार्टी में अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. 

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बता दें कि पिछले साल महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे अपने गढ़ परली से चुनाव हार गई थीं. पंकजा मुंडे को उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे से मात दी थी. इस हार के बाद पंकजा ने एक रैली की थी, जिसमें एकनाथ खड़से सहित वो तमाम नेता शामिल हुए थे जो फडणवीस के विरोधी माने जाते थे. इन सारे नेताओं ने जमकर फडणवीस पर हमले किए थे. इसी रैली से पंकजा ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर बागवती तेवर दिखाए थे.  

पंकजा मुंडे मंगलवार को पुणे शहर में एक मीटिंग में शामिल थीं. यह मीटिंग गन्ना मजदूरों की हड़ताल के मुद्दे को लेकर वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में आयोजित की गई थी, जिसमें शरद पवार और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे भी मौजूद थे. तकरीबन एक साल के बाद पंकजा और धनंजय मुंडे के बीच मुलाकात हुई थी. इस मीटिंग में पंकजा मुंडे सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे और शरद पवार के बीच बातचीत करती नजर आईं. हालांकि, महाराष्ट्र की राजनीति में यह दोनों भाई बहन एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं, लेकिन गन्ना मजदूरों के लिए पंकजा और धनंजय एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए. 

महाराष्ट्र में खड़से ओबीसी समुदाय का बड़ा चेहरा माने जाते थे और पंकजा मुंडे भी ओबीसी समुदाय से आती है. एकनाथ खड़से बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. वह 6 बार पार्टी के टिकट से विधायक रह चुके हैं. 1995 में शिवसेना-बीजेपी सरकार में जल मंत्री रहे और साल 2009-14 के बीच उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई है. ऐसे में खड़से के पार्टी छोड़ने के बाद तकरीबन 40 फीसदी ओबीसी वोटरों को लुभाने के लिए फिलहाल बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है.

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दरअसल, प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए बीजेपी के पास तीन बड़े चेहरे थे. इनमें गोपीनाथ मुंडे, विनोद तावड़े और एकनाथ खड़से प्रमुख थे. मुंडे की कार दुर्घटना में मौत हो गई, जिसके बाद उनकी बेटी पंकजा मुंडे प्रदेश की राजनीति में एंट्री की और दो बार विधायक रहीं. वहीं, खड़से अब बीजेपी छोड़ चुके हैं और विनोत तावड़े भी हाशिए पर हैं. ऐसे में पंकजा मुंडे भी बहुत सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं. पवार की तारीफ करने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी मायने निकाले जा रहे हैं कि क्या एकनाथ खड़से की राह पर पंकजा मुंडे भी कदम बढ़ा सकती हैं? 

 

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