लातूर में लंपी बीमारी का कहर, दर्जनों मवेशियों की मौत, 411 पशु संक्रमित

महाराष्ट्र के लातूर जिले में लंपी स्किन डिजीज से एक महीने में 32 मवेशियों की मौत हो चुकी है. 411 पशु संक्रमित मिले, जिनमें से 200 ठीक हो गए हैं जबकि 179 का इलाज जारी है. आगामी बैलपोला पर्व पर जिला प्रशासन ने किसानों से सादगी से त्योहार मनाने की अपील की है. शोभा यात्राओं और भीड़भाड़ से बचने की हिदायत दी गई है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

Advertisement
लंपी से लातूर में सैकड़ों पशु संक्रमित (File Photo: ITG) लंपी से लातूर में सैकड़ों पशु संक्रमित (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • लातूर,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:11 PM IST

महाराष्ट्र के लातूर जिले में लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले एक महीने में जिले में 32 मवेशियों की मौत हो चुकी है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 18 जुलाई से अब तक कुल 411 पशु इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से 200 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जबकि 179 का उपचार जारी है.

Advertisement

जानवरों के लिए जानलेवा है लंपी बीमारी

लंपी स्किन डिजीज पशुओं के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है. इस बीमारी में मवेशियों की त्वचा पर दर्दनाक गांठें (nodules) बन जाती हैं, साथ ही कमजोरी, भूख कम लगना और दुग्ध उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने पशु बाजारों, पशुओं की खरीद-बिक्री और उनके परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इसी बीच शुक्रवार को महाराष्ट्र में बैलपोला (Bail Pola) का पर्व मनाया जाना है, जो किसानों द्वारा बैल और बैलों के प्रति आभार प्रकट करने के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गांव-गांव में सजाए गए बैलों की शोभायात्राएं निकलती हैं और बड़े स्तर पर उत्सव का आयोजन होता है, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने खास अपील की है कि किसान यह पर्व अपने पशुशालाओं तक ही सीमित रखें और शोभायात्राओं या बड़े आयोजनों से बचें.

Advertisement

जानवरों को संक्रमण से कैसे बचाएं ?

लातूर की जिलाधिकारी वर्षा ठाकुर-घुगे और जिला परिषद के सीईओ राहुल कुमार मीणा ने आदेश जारी कर कहा कि इस बार बैलपोला पर्व केवल पशुशालाओं में मनाया जाए. किसानों से अपील की गई है कि वो भीड़भाड़ और जुलूस से परहेज करें ताकि बीमारी का संक्रमण न फैले.

पशुपालकों को पशुशालाओं में स्वच्छता बनाए रखने, गोबर और मूत्र का सही निस्तारण करने, नमी से बचाव करने और नियमित रूप से कीटनाशक और जीवाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करने की हिदायत दी गई है. साथ ही शेड्स के आसपास जमा पानी को हटाने पर जोर दिया गया है ताकि मच्छर और मक्खियों का प्रजनन न हो सके.

पशुपालन विभाग के उप आयुक्त डॉ. श्रीधर शिंदे ने कहा, 'लंपी स्किन डिजीज पर काबू पाने के लिए पशुपालकों का सहयोग बेहद जरूरी है, इस बैलपोला पर हमें जुलूस और मवेशियों की अदला-बदली से बचना होगा, पशुओं की सुरक्षा ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.'

 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement