महाराष्ट्र में IPS अफसर भाग्यश्री नवटके के खिलाफ FIR, क्रेडिट सोसाइटी से जुड़े घोटाले में सीबीआई का एक्शन

IPS भाग्यश्री नवटके के खिलाफ अगस्त में पुणे पुलिस ने जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. भाग्यश्री ने 2020-21 के बीच जलगांव स्थित भाईचंद हीराचंद रायसोनी (बीएचआर) राज्य सहकारी क्रेडिट सोसायटी से जुड़े 1,200 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच का नेतृत्व किया था.

Advertisement
सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी भाग्यश्री नवटके के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी भाग्यश्री नवटके के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

महाराष्ट्र में क्रेडिट सोसाइटी से जुड़े घोटाले में फंसी आईपीएस अधिकारी भाग्यश्री नवटके पर अब सीबीआई का शिकंजा कसने जा रहा है. सीबीआई ने भाग्यश्री नवटके के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी और इस घोटाले के सिलसिले में बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे.

दरअसल, IPS भाग्यश्री नवटके के खिलाफ अगस्त में पुणे पुलिस ने जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. भाग्यश्री ने 2020-21 के बीच जलगांव स्थित भाईचंद हीराचंद रायसोनी (बीएचआर) राज्य सहकारी क्रेडिट सोसायटी से जुड़े 1,200 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच का नेतृत्व किया था. अब उसी जांच के मामले में वो खुद फंस गईं हैं. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में अगस्त 2024 में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

Advertisement

आईपीएस अफसर भाग्यश्री नवटके पुणे में ईओडब्ल्यू विभाग में डीसीपी रही हैं. मामले में अब सीबीआई ने भाग्यश्री नवटके और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 34, 120 (बी), 166, 167, 177, 193, 201, 203, 219, 220, 466, 474 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. 

क्या आरोप लगाए गए...

एफआईआर में कहा गया कि ऐसे अपराधों की जांच के लिए प्रचलित प्रक्रिया का पालन किए बिना आर्थिक अपराध शाखा द्वारा संबंधित क्राइम की जांच अपने हाथ में ले ली गई है. इसके अलावा ऐसा प्रतीत होता है कि पुणे सीमा के बाहर एक ही स्थान पर संयुक्त दस्ते भेजकर छापेमार कार्रवाई की गई है. पिंपरी चिंचवड़ और पुणे में अपराधों की जांच में हस्तक्षेप और प्रभाव पैदा करके अनुचित तरीके से अपराध दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया है. अपराध दर्ज करने से पहले शिकायतकर्ताओं को जानबूझकर और विशेष रूप से पुणे और आसपास से चुना गया. इस मामले में देखा गया है कि सेलेक्टिव आरोपी बनाना, बड़े पैमाने पर अपराध दिखाना, गंभीर सबूतों के प्रति जानबूझकर लापरवाही, आधिकारिक नियमों में हेराफेरी करना और सेलेक्टिव आरोप पत्र भेजना जैसे कई कृत्य किये गये हैं.

Advertisement

क्या है पूरा मामला?

इस घोटाले की सबसे पहले सीआईडी ने जांच की और प्रक्रियात्मक खामियों को चिह्नित किया. सीआईडी ​​रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र गृह विभाग के निर्देश पर नवटेक और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. आईपीएस अफसर भाग्यश्री नवटके ने पुणे जिले में भाईचंद हीराचंद रईसनी क्रेडिट सोसाइटी से जुड़े घोटाले से संबंधित मामलों की जांच के लिए साल 2021 में डीसीपी (आर्थिक अपराध शाखा) के रूप में विशेष जांच दल का नेतृत्व किया था. पुणे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीआईडी ​​(अपराध जांच विभाग) ने कथित भाईचंद हीराचंद रईसनी (बीएचआर) घोटाले से संबंधित जांच की जांच की. सीआईडी ​​ने राज्य के गृह विभाग को अपनी टिप्पणियों और निष्कर्षों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट सौंपी. राज्य के गृह विभाग ने पुणे पुलिस को सीआईडी ​​रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.

आईपीएस अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा), 466 (न्यायालय या सार्वजनिक रजिस्टर आदि के रिकॉर्ड की जालसाजी), 474 (जाली दस्तावेज रखना) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) शामिल हैं. एक ही दिन में एक ही अपराध के तहत तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं, जो एक प्रक्रियागत चूक और जालसाजी से जुड़े है. 

Advertisement

IPS ऑफिसर भाग्यश्री नवटके इस वक्त चंद्रपुर में राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) की अधीक्षक के रूप में तैनात हैं. साल 2015 में हुए इस घोटाले में फिक्स्ड डिपॉजिट पर आकर्षक ब्याज का वादा करके बड़ी संख्या में लोगों को धोखा दिया गया था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement