महाराष्ट्र: डिप्टी CM एकनाथ शिंदे एयरपोर्ट पर फंसे, ड्यूटी टाइम खत्म होने पर पायलट ने उड़ान भरने से किया इनकार

जलगांव एयरपोर्ट पर डिप्टी CM एकनाथ शिंदे का विमान तकनीकी कारणों से दो घंटे लेट हुआ, जिससे उनका 3:45 बजे का आगमन 6:15 बजे हुआ. फिर शिंदे ने पालखी यात्रा में भाग लिया. वापसी पर पायलट ने टेक-ऑफ से मना दिया, उसने ड्यूटी के घंटों का हवाला देते हुए कहा कि मैं उड़ान नहीं भर सकता हूं.

Advertisement
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे जलगांव एयरपोर्ट पर फंसे (ANI फाइल फोटो) महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे जलगांव एयरपोर्ट पर फंसे (ANI फाइल फोटो)

दीपेश त्रिपाठी

  • मुंबई,
  • 07 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

महाराष्ट्र के जलगांव एयरपोर्ट पर डिप्टी CM एकनाथ शिंदे का विमान टेक्निकल वजहों से करीब दो घंटे देर हो गई. उनका विमान शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 45 बजे पहुंचना था, लेकिन वे शाम 6 बजकर 15 बजे ही जलगांव एयरपोर्ट पर उतर सके. फिर उन्होंने जलगांव से मुक्ताईनगर सड़क के रास्ते से जाना पड़ा, जहां उन्होंने संत मुक्ताई की पालखी यात्रा (धार्मिक जुलूस) में भाग लिया और मंदिर में दर्शन किए.

Advertisement

देरी से लौटने पर पायलट ने उड़ान भरने से किया इनकार

रात 9 बजकर 15 बजे जब वे वापस जलगांव एयरपोर्ट पहुंचे, तो विमान के पायलट ने विमान उड़ाने से मना कर दिया. पायलट ने ड्यूटी के घंटों का हवाला देते हुए कहा कि मैं उड़ान नहीं भर सकता हूं. 

मंत्री और अधिकारी पायलट को मनाने में जुटे

इस पर मंत्री गिरीश दत्तात्रेय महाजन, गुलाब रघुनाथ पाटिल और जिला प्रशासन के अधिकारी पायलट को मनाने लगे. काफी बातचीत और मनाने के बाद पायलट ने लगभग 45 मिनट बाद उड़ान भरने को राजी हो गए. फिर शिंदे जलगांव से मुंबई विमान के जरिए पहुंचे.

किडनी मरीज महिला के लिए वरदान बनी देरी

इस देरी ने एक किडनी मरीज शीतल पाटील के लिए वरदान साबित हुआ. शीतल का राजधानी मुंबई में इलाज होना था, लेकिन उनका विमान पहले ही उड़ चुका था. जब इस बात की जानकारी मंत्री गिरीश महाजन को मिली, तो उन्होंने तत्काल व्यवस्था कर शीतल और उनके पति को एकनाथ शिंदे के साथ विमान में मुंबई भेजा. मुंबई एयरपोर्ट पर भी उनके लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई.

Advertisement

यह भी पढ़ें: BMC चुनाव से पहले शिवसेना यूबीटी को बड़ा झटका, उद्धव के करीबी नेता की बहू ने छोड़ी पार्टी, BJP या शिंदे गुट में जाने की चर्चा

एकनाथ शिंदे की संवेदनशीलता से बची एक जान

गुलाबराव पाटील ने इस घटना पर कहा, 'एकनाथ शिंदे आज भी अपने स्ट्रगल के दिनों को याद रखते हैं और आम आदमी के प्रति सेंसिटिव हैं. उनकी यह सेंसिटिविटी आज एक जीवन की बागडोर बचाने में काम आई'.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement