5 पायलटों के इस्तीफे के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची Akasa Air, 105 करोड़ का मुआवजा मांगा

आकासा एयरलाइंस ने हाईकोर्ट का रुख करते हुए कहा कि पायलटों ने अनिवार्य 6 महीने की नोटिस पीरियड पूरा किए बिना कंपनी को छोड़ दिया. कंपनी की ओर से पेश वकील द्वारकादास ने जोर देकर कहा कि अनुबंध में विशेष रूप से कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन से होने वाले किसी भी विवाद को विशेष रूप से मुंबई में दायर किया जाएगा.

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Akasa Airlines ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है Akasa Airlines ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

विद्या

  • मुंबई,
  • 21 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:47 PM IST

आकासा एयरलाइंस (Akasa Airlines) का संकट अब बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. जहां कंपनी ने अपने 5 पायलटों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और प्रत्येक से 21 करोड़ से अधिक के मुआवजे की मांग की है. जस्टिस एसएम मोदक की बेंच ने गुरुवार को एयरलाइन कंपनी को विस्तार से सुना, जबकि पायलटों ने यह दावा किया कि पार्टियों के बीच विवाद मुंबई के बाहर पैदा हुआ था. लिहाजा बॉम्बे हाईकोर्ट को ऐसे मामलों को सुनने का कोई अधिकार नहीं है.

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कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख करते हुए कहा कि पायलटों ने अनिवार्य 6 महीने की नोटिस पीरियड पूरा किए बिना कंपनी को छोड़ दिया. कंपनी ने पायलटों से साथ हुआ अनुबंध का उल्लंघन बताते हुए 18 लाख रुपये और हर्जाने के रूप में प्रति पायलट से 21 करोड़ का भुगतान करने का निर्देश देने का आदेश देने की मांग की.

कंपनी की मांग है कि पायलटों को उनकी 6 महीने का नोटिस पीरियड तुरंत पूरा करने का आदेश दिया जाए. साथ ही मुकदमे में बताया गया कि पायलटों ने कंपनी के साथ एक व्यक्तिगत रोजगार समझौते के साथ एक पायलट ट्रेनिंग कॉन्ट्रैक्ट भी किया था. इसमें साफतौर पर कहा गया था कि पायलटों को अपना इस्तीफा देने के बाद 6 महीने की नोटिस अवधि पूरी करनी होगी.

कंपनी की ओर से पेश वकील जनक द्वारकादास ने तर्क दिया कि पायलटों ने मुंबई में अपने समझौते निष्पादित किए थे और कंपनी को मुंबई में उनके इस्तीफे के नोटिस प्राप्त हुए थे, इसलिए अनुबंध का उल्लंघन मुंबई में हुआ. इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष सुनवाई योग्य था. द्वारकादास ने जोर देकर कहा कि अनुबंध में विशेष रूप से कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन से होने वाले किसी भी विवाद को विशेष रूप से मुंबई में दायर किया जाएगा.

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