मध्य प्रदेश के भिंड में पंचायत के अजीबोगरीब फरमान की वजह से एक बुज़ुर्ग महिला को अपना घर छोड़कर भीख मांगनी पड़ी. 55 साल की कमलेशी देवी को गोवंश की हत्या का दोषी ठहराते हुए पंचायत ने एक हफ्ते के लिए गांव से बाहर निकाल दिया. साथ ही आदेश दिया कि महिला इस दौरान भीख मांगे और जो पैसे जमा हो उससे इलाहाबाद जाकर गंगा स्नान से खुद को ‘शुद्ध’ करें, फिर ‘कन्या भोज’ कराने के बाद अपने घर वापस आए.
कमेलेशी देवी की गलती यह थी कि जब बछड़ा गाय का दूध पी रहा था तो उसने उसे वहां से हटाने की कोशिश की. बछड़े के अड़े रहने पर महिला ने रस्सी खींची, जो बछड़े के गले में कस गई. बछड़ा गिर गया और थोड़ी देर में उसने दम तोड़ दिया. इस बात के फैलते ही गांववालों ने सुबह पंचायत बुला ली और फरमान सुना दिया.
कमलेशी देवी के घर में किसी चीज की कमी नहीं है. इसके बावजूद दर-दर जाकर भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा. ‘मातादीन का पुरा’ निवासी कमलेशी देवी पंचायत का फरमान आने के बाद घर छोड़ कर धर्मशाला में रहने लगी. वहीं से वो दूसरों के घर जाकर भीख मांगने लगी. बढ़ती उम्र और तेज धूप की वजह से कमलेशी देवी बेहोश हो कर गिर पड़ीं. घरवालों ने तत्काल कमलेशी देवी को अस्पताल में भर्ती कराया. वहां उपचार के बाद कमलेशी देवी को परिजन घर वापस ले आए. उनका कहना है कि कमलेशी देवी के ठीक होने के बाद गंगा स्नान के लिए ले जाएंगे.
मामले के तूल पकड़ने के बाद पंचायती फरमान सुनाने वालों ने ठीकरा कमलेशी देवी पर ही फोड़ पल्ला झाड़ लिया. साथ ही इसे बढ़ा चढ़ा कर पेश करने के लिए विरोधियों को जिम्मेदार ठहराया. श्रीवास समाज के अध्यक्ष शंभूदयाल श्रीवास ने कहा कि समाज की ओर से उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया. महिला ने खुद ही बछड़े की मौत की बात बता कर इस संबंध में नियम की जानकारी लेनी चाही थी. महिला खुद जानती थी कि गंगा स्नान के लिए जाना पड़ेगा. महिला ने इस दौरान अपनी बेटी के साथ गंगा स्नान के लिए जाने की बात कही थी.
भिंड के एसपी अनिल कुशवाह के मुताबिक ये मामला उनके संज्ञान में नहीं पहुंचा, लेकिन अगर कोई शिकायत करता है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
मोहित ग्रोवर / खुशदीप सहगल