मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2018 में संबल योजना शुरू की थी, जिसे मध्य देश में और प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया है. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के गरीबों, मजदूरों और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए संबल योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें सस्ती बिजली से लेकर सामान्य और असामयिक मृत्यु पर अंत्येष्टि सहायता, विभिन्न तरह की अपंगता पर अनुग्रह सहायता और लघु व्यवसाय के उन्नयन के लिए योजना में मदद दिए जाने का प्रावधान है.
गरीबों और वंचित वर्ग को जन्म से मृत्यु तक आर्थिक सहायता प्रदान करना भी इस योजना के तहत आता है. सोमवार को संबल योजना की समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले साल (कांग्रेस सरकार) में योजना पर कम राशि खर्च होना इस योजना के प्रति उपेक्षा और उदासीनता का प्रमाण है.
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय योजना का लाभ देने में गरीबों की अनदेखी की गई, जो न्याय संगत नहीं है. योजना के प्रारंभ होने के पश्चात दूसरे वर्ष में योजना के अमल पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया, इसलिए पुनर्विचार कर शीघ्र ही इसे और व्यापक स्वरूप दिया जाएगा.
शिवराज सरकार में हुआ था भ्रष्टाचार: कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार ने गरीबों की किसी भी योजना को कभी बंद नहीं किया. अपितु उसने शिवराज सरकार की संबल योजना में भ्रष्टाचार बंद कर उसे नया नाम “नया सवेरा“ देकर नए स्वरुप में प्रारंभ किया. शिवराज सरकार में संबल योजना के पात्र सदस्यों को ही सस्ती बिजली मिलती थी.
सलूजा ने कहा, कमलनाथ सरकार ने उसमें बदलाव कर सभी उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना के माध्यम से सस्ती बिजली उपलब्ध करवाई, जिसका फायदा करीब 1 करोड़ से अधिक लोगों को मिला. शिवराज जी ने आते ही झूठ परोसने का काम प्रारंभ कर दिया है.
सलूजा ने बताया कि शिवराज सरकार की संबल योजना में सरकार जाने के बाद जांच में जिस तरह की सच्चाई सामने आई, उसी से समझा जा सकता है कि इस योजना के नाम पर किस प्रकार से जमकर भ्रष्टाचार व घोटाले को अंजाम दिया गया.
उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार में प्रदेश के श्रम मंत्री ने जब संबल योजना के पात्रों का वेरिफिकेशन कराया तो यह सच्चाई सामने आई कि किस प्रकार से बड़ी संख्या में अपात्र लोगों को व बीजेपी से जुड़े लोगों को इस योजना का पात्र बनाया गया है. एक करोड़ लोगों के सर्वे में करीब 28 लाख अपात्रों के नाम सामने आए थे, जिनके नाम पर इन योजना का लाभ लेकर जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया.
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उन्होंने कहा, कई बीजेपी से जुड़े लोगों के भी नाम सामने आए, जिनके बड़े-बड़े मकान-बंगले थे, जिनके पास महंगी गाड़ियां थीं, वे भी इस योजना के नाम पर गरीबों का हक मारकर लाभ लेते रहे, सस्ती बिजली लेते रहे. कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के इस खेल को बंद किया.
संबल योजना की विशेषताएं
मध्य प्रदेश जंसम्पर्क विभाग ने प्रेस रिलीज जारी कर संबल योजना की विशेषता बताई है. इसके मुताबिक, मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में असंगठित श्रमिकों को लाभांवित करने का प्रावधान है. असंगठित श्रमिकों में उन्हें पात्र माना गया है, जो एक हैक्टेयर से कम भूमि के धारक हों, आयकर दाता न हों, शासकीय सेवा में ना हों, जिन्हें पीएफ, ग्रेच्युटी और ईएसआई का लाभ नहीं मिलता हो.
योजना में असामयिक मृत्यु पर अनुग्रह सहायता, अंत्येष्टि सहायता और अपंगता पर आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया था. योजना को राज्य के जरूरतमंद लोगों के लिए लागू किया गया था. संबल योजना में 5 हजार रुपये की राशि अंत्येष्टि के लिए सहायता के रूप में दी जाती थी. सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपये की राशि और दुर्घटना से मृत्यु होने पर चार लाख रुपये की राशि परिजन को देने का प्रावधान किया गया था.
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इसी तरह, स्थाई अपंगता पर 2 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता और आंशिक स्थाई अपंगता पर एक लाख रुपये की अनुग्रह सहायता देने का प्रावधान किया गया. उन्नत व्यवसाय के लिए उपकरण क्रय करने बैंक से प्राप्त ऋण का 10 प्रतिशत अथवा 5 हजार रुपये, जो कम हो, वह भी इस योजना में देने का प्रावधान है.
रवीश पाल सिंह