मध्य प्रदेश चुनाव 2018: केवलारी सीट पर BJP की जीत, राकेश पाल जीते

केवलारी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राकेश पाल सिंह ने कांग्रेस के रजनीश हरवंश सिंह को मात दे दी.

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बीजेपी की जीत का जश्न मनाते कार्यकर्ता (फोटो- AFP) बीजेपी की जीत का जश्न मनाते कार्यकर्ता (फोटो- AFP)

देवांग दुबे गौतम

  • भोपाल,
  • 11 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव 2018 के बाद मतगणना पूरी हो चुकी है. केवलारी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राकेश पाल सिंह ने कांग्रेस के रजनीश हरवंश सिंह को मात दे दी. बीजेपी उम्‍मीदवार ने 85839 मत पाए. वहीं, कांग्रेस को 79160 म‍त मिले.

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के हरवंश सिंह विधायक चुने गए थे.

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2013 में विधानसभा की क्या थी तस्वीर

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 35 सीट अनुसूचित जाति जबकि 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 148  गैर-आरक्षित सीटें हैं. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 165 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी, जबकि कांग्रेस को 58 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 4 जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.

2013 और 2008 में इस सीट पर क्या थे नतीजे

विधानसभा चुनाव-2013

कांग्रेस- रजनीश हरबंश सिंह - 72669 (40.46%)

बीजेपी- डॉ. ढाल सिंह बिसेन- 67866 (37.78%)

विधानसभा चुनाव-2008

कांग्रेस- हरबंश सिंह- 57180 (38.68%)

बीजेपी -डॉ. ढाल सिंह बिसेन- 51202 (34.63%)

कितने लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग

चुनाव आयोग के मुताबिक 2018 में मध्य प्रदेश में कुल 5,03,94,086 मतदाता हैं जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2,40,76,693 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,62,56,157 रही. पुरुष मतदाताओं  का वोटिंग प्रतिशत 75.98 रहा तो वहीं महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 74.03 रहा. इस बार मध्य प्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

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वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी

चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार मध्य प्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 4 फीसदी बढ़कर 74.03 प्रतिशत रहा. 2013 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.11 रहा था.

इसके पहले कैसा रहा है वोटिंग का प्रतिशत

1990 में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में बीजेपी मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए. तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 1993 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरी तो 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा और बीजेपी की पटवा सरकार हार गई थी.

वहीं, 1998 में वोटिंग प्रतिशत 60.22 रहा था जो 1993 के बराबर ही था. उस वक्त दिग्विजय सिंह की सरकार बनी. लेकिन 2003 में उमा के नेतृत्व में बीजेपी सामने आई और दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. उस वक्त भी 7.03 प्रतिशत वोट बढ़े थे.

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