देशभर में खनन माफिया अलग-अलग सिंडिकेट के रूप में सक्रिय हैं और झारखंड में कोयला खनन माफियाओं का गठजोड़ दशकों से मजबूत बना हुआ है. समय के साथ सरकारें बदलीं लेकिन इस सिंडिकेट का असर और सक्रियता कम नहीं हुई. सरकारी कर्मचारी, सफेदपोश और खनन माफिया आज भी मिलकर इस धंधे को चला रहे हैं. झारखंड की कोयला खदानें खनन सिंडिकेट के लिए लगातार धन कमाने का जरिया बन चुकी हैं. ऑपरेशन सरकार-2 ने इस गठजोड़ की हकीकत को उजागर कर दिया है कि किस तरह ये माफिया और सत्ता के लोग मिलकर राज्य की संपदा का शोषण कर रहे हैं.