झारखंड में 7th से लेकर 10th JPSC (JHARKHAND PUBLIC SERVICE COMMISSION) में गड़बड़ी को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. इसमें मांग की गई थी कि प्रीलिम्स एग्जाम के रिजल्ट को रद्द कर दिया जाए, इसके साथ ही मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जाए. इस मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारझंड हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. बता दें कि बीते 38 दिन से इस मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि JPSC में धांधली की जा रही है.
JPSC मामले को देख रहे अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने आजतक से फ़ोन पर कहा कि कोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही प्रीलिम्स एग्जाम के रिजल्ट को भी रद्द करने के लिए पर्याप्त ग्राउंड नहीं होने की बात कही है. प्रीलिम्स एग्जाम के रिजल्ट आने के बाद छात्र लगातार हंगामा कर रहे थे. उनका आरोप है कि JPSC ने जमकर गड़बड़ी की है. आखिर एक ही कमरे से एक ही सीक्वेंस में आगे पीछे बैठने वाले 33 छात्र कैसे क्वालीफाई कर गए. अगर 260 अंक कट ऑफ है तो 230 वाले कैसे मेरिट लिस्ट में हैं. OMR शीट जो आर्टिकल 30 के मुताबिक अपलोड करनी चाहिए थी, वो क्यों नहीं हुई.
जेपीएससी के पीटी परीक्षा में कई प्रश्न गलत होने के आधार पर पीटी परीक्षा को रद्द करने और मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इसको लेकर याचिका दायर की गई थी. बुधवार को इस पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अदालत ने जेपीएससी को 3 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. जेपीएससी का जवाब आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.
झारखंड लोक सेवा आयोग ने तय कर दी परीक्षा की तिथि
झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं से दसवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा की तिथि निर्धारित कर दी है. 28 जनवरी से 30 जनवरी तक मेंस एग्जाम लिए जाने की तिथि निर्धारित की है. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई.
याचिकाकर्ता ने अदालत में दी हैं ये दलीलें
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही सातवीं से दसवीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा के प्रश्न पत्र एक में 6 प्रश्न गलत हैं, जबकि प्रश्नपत्र दो में दो प्रश्न गलत हैं. इसके अलावा पीटी परीक्षा में कई तरह की अनियमितताएं बरती गई हैं. आरक्षण के रोस्टर का पालन नहीं किया गया है. पीटी परीक्षा के परिणाम नियम के विरुद्ध हैं, इसलिए इस पीटी परीक्षा के परिणाम को रद्द कर दिया जाए और फिर से पीटी परीक्षा ली जाए.
इसके अलावा याचिकाकर्ता ने लोक सेवा आयोग के द्वारा ली जा रही मुख्य परीक्षा पर भी रोक लगाने की मांग की है. वहीं, लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की दलील का विरोध करते हुए कहा कि पीटी परीक्षा का परिणाम नियम अनुरूप है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग को 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.
याचिकाकर्ता शेखर सुमन ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से पीटी परीक्षा में गलत प्रश्नों के आधार पर जो रिजल्ट निकाला गया है, उसे रद्द करने और होने वाले मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.
छात्र नेता ने कहा: हम आगे की रणनीति मिलकर तय करेंगे
कोर्ट के मुख्य परीक्षा पे रोक लगाने से इनकार और प्रीलिम्स के रिजल्ट को रद्द नहीं किए जाने के फैसले पर आंदोलन कर रहे छात्रों की तरफ से मनोज यादव ने कहा है कि रणनीति बनाई जाएगी कि सड़कों पर लड़ाई कैसे लड़ी जाए, इसके साथ ही कोर्ट में कानूनी लड़ाई को भी कायदे से कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर भी बात करेंगे.
सत्यजीत कुमार