झारखंड में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे साफ है कि समय रहते अगर कमी दूर नहीं की गई तो हालात पर काबू करना मुश्किल हो जाएगा. झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष सचिव को पत्र लिखकर तुरंत 1500 वेंटिलेटर मुहैया कराने का आग्रह किया है.
झारखंड में पिछले एक हफ्ते में एक्टिव मरीजों की संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है. हर दिन औसतन 1500 से ज्यादा कोरोना के केस मिल रहे हैं. अगर यही रफ्तार रही तो अप्रैल के आखिर तक एक्टिव मरीजों की संख्या 35 हजार के पार हो सकती है. ऐसी स्थिति में राज्य को ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है. फिलहाल राज्य के सरकारी अस्पतालों में करीब 500 वेंटिलेटर हैं, लेकिन ये संख्या नाकाफी है.
झारखंड ने केंद्र से सिर्फ वेंटिलेटर ही नहीं, रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी मांग की है. राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी किल्लत हो गई है. अब तक स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से इस इंजेक्शन की व्यवस्था कर रहा था. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निजी अस्पतालों को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराई गई थी. राज्य स्तर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूटर्स से आग्रह किया जा चुका है, लेकिन पर्याप्त संख्या में इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है.
झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया से इस मामले में हस्तक्षेप कर उत्पादकों से सप्लाई सुनिश्चित कराने का आग्रह किया है. स्वास्थ्य सचिव की तरफ से लिखे गए पत्र से साफ है कि केंद्र के स्तर से राज्य को मदद नहीं मिली तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.
इस बीच झारखंड में कोरोना के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. मंगलवार को बीते 24 घंटे में यहां 2,844 नए मामले सामने आए. अकेले रांची में ही 1,049 केस आए हैं. इससे अब एक्टिव केस बढ़कर 17,155 हो गए हैं. इसके अलावा मंगलवार को झारखंड में कोरोना से 29 लोगों की जान भी गई है.
सत्यजीत कुमार