'पटरी पर आ जाते हैं हाथी, नहीं चला सकते रेल', झारखंड में मेमू पैसेंजर ट्रेन रद्द होने पर बवाल

चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल पटरी के पास हाथियों की सक्रियता का हवाला देते हुए 18 और 19 दिसंबर को 10 मेमू पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जिससे रोजाना यात्रा करने वाले गरीब और मजदूर वर्ग के यात्रियों में भारी नाराजगी है. रेलवे का कहना है कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा के लिए लिया गया है, क्योंकि नुआगांव–राउरकेला, चक्रधरपुर–राउरकेला और राउरकेला–झारसुगुड़ा रेल खंड में हाथियों की मौजूदगी से जोखिम बढ़ गया है.

Advertisement
यात्रियों का आरोप है कि हाथी सिर्फ बहाना हैं और असल मकसद मालगाड़ियों को प्राथमिकता देकर रेलवे बोर्ड के टारगेट पूरे करना है. (Photo: Representational) यात्रियों का आरोप है कि हाथी सिर्फ बहाना हैं और असल मकसद मालगाड़ियों को प्राथमिकता देकर रेलवे बोर्ड के टारगेट पूरे करना है. (Photo: Representational)

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST

चक्रधरपुर रेल मंडल में अब हाथी के नाम पर भी ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया जा रहा है. वो भी गरीबों की वह ट्रेन जिसे लोकल पैसेंजर 'मेमू ट्रेन' कहते हैं. चक्रधरपुर रेल मंडल प्रशासन ने रेल पटरी के पास हाथियों के संभावित खतरे को देखते हुए 18 और 19 दिसंबर को 10 मेमू ट्रेनों का परिचालन रद्द करने की घोषणा कर दी है. 

Advertisement

रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेल प्रशासन ने नुआगांव-राउरकेला, चक्रधरपुर-राउरकेला और राउरकेला-झारसुगुड़ा रेल खंड में रेल पटरी के पास हाथियों की सक्रियता को देखा है. रेलवे का कहना है कि हाथी के कारण ट्रेनों के परिचालन में जोखिम बढ़ गया है. किसी भी तरह की दुर्घटना से बचाव और यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेल प्रशासन ने 10 मेमू पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है. 

'हाथी तो बहाना है, मालगाड़ी चलाना है'

रेल प्रशासन ने चक्रधरपुर रेल मंडल से यात्रा करने वाले यात्रियों को सलाह दी है कि वे स्टेशन आने से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें और यात्रा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करें.

रेलवे की ओर से हाथी के नाम पर 10 मेमू पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किए जाने से इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले गरीब मजदूर वर्ग के लोग रेलवे से नाराज हैं. लोग कह रहे हैं कि 'हाथी तो बहाना है, असल में रेलवे को मालगाड़ी ही चलाना है. ताकि रेलवे बोर्ड की ओर से दिए गए टारगेट को रेल अधिकारी हर हाल में पूरा कर सकें. रेलवे सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए हाथी का सहारा ले रही है.'

Advertisement

यात्रियों में नाराजगी

चक्रधरपुर से टाटानगर जाने में एक्सप्रेस ट्रेनों को दो से चार घंटे से अधिक लग रहे हैं. लेकिन उसी जगह रेल अधिकारी मालगाड़ी को तय समय में गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अपनी पूरी उर्जा लगा रहे हैं. आम रेल यात्रियों ने चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारीयों से सवाल किया है कि 'क्या मेमू ट्रेनों के समय ही हाथी रेल पटरी पर आ जाएंगे. जब मालगाड़ी और एक्सप्रेस ट्रेन उसी पटरी पर चलेगी, तब क्या हाथी पटरी पर नहीं आएगा'. लोगों का कहना है कि स्थानीय और गरीब लोगों को सताने के लिए चक्रधरपुर रेल मंडल प्रशासन ने हाथी का नया फार्मूला बनाया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement