कोरोना की दूसरी लहर में जब देश बुरी तरह से उलझा हुआ था, ठीक उसी समय जम्मू-कश्मीर का एक युवा पर्वतारोही जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने के अपने मिशन पर था. कुलगाम के रहने वाले महफूज इलाही हाजम ने कड़े संघर्ष के बाद माउंट एवरेस्ट फतह कर केंद्र शासित प्रदेश का नाम रोशन किया.
अरु (पहलगाम) में द जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोर्ट्स (JIMWS) में प्रशिक्षक महफूज ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने का कारनामा किया है.
26 साल के महफूज ने कहा, '1 जून को सुबह 6.20 बजे, मैंने माउंट एवरेस्ट (8,849 मीटर) की चढ़ाई की, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है.'
इस अभियान का नेतृत्व कर्नल आईएस थापा ने किया, जो एक प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं, जिन्होंने दो बार एवरेस्ट फतह किया है. कर्नल थापा वर्तमान में पहलगाम स्थित JIMWS के प्रिंसिपल हैं.
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के कुज्जर इलाके के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले महफूज के पिता एक नाई हैं.
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महफूज के लिए यह बेहद कठिन और साहसिक कार्य था. वह 10 दिनों के लिए कैंप 2 में टीम के साथ फंस गए थे क्योंकि माउंट एवरेस्ट पर तेज हवाएं चल रही थीं और टीम को नीचे आने के लिए खिड़की नहीं मिल सकी थी.
आजतक/इंडिया टुडे से बात करते हुए महफूज ने कहा, 'कश्मीर के युवाओं को साहसिक खेलों का विकल्प चुनना चाहिए क्योंकि हमारे यहां इसके लिए काफी संभावनाएं हैं.'
अशरफ वानी