दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिलों में इन दिनों कुछ अलग सा नजारा देखने को मिल रहा है. बीते कुछ दिनों से यहां के छोटे मूवी थिएटरों में स्थानीय लोगों की भीड़ जुट रही है. वजह है फिल्म धुरंधर, जिसे देखने के लिए लोग खास दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
शोपियां और पुलवामा, जो कुछ समय पहले तक आतंक और उपद्रवी गतिविधियों के लिए जाने जाते थे, इन दोनों जिलों में एक एक मूवी हॉल है. ये थिएटर सुरक्षा बलों की निगरानी में चलते हैं और आमतौर पर यहां ज्यादा दर्शक नहीं पहुंचते. लेकिन दुरंधर की रिलीज के बाद हालात बदलते दिख रहे हैं.
छोटे मूवी थिएटरों में स्थानीय लोगों की भीड़ जुटी
फिल्म की कहानी और उसमें दिखाए गए बेहद हिंसक दृश्य को लेकर देशभर में चर्चा और विवाद हुआ है. इसी चर्चा ने दक्षिण कश्मीर के लोगों की जिज्ञासा भी बढ़ा दी है. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है जो इसे चर्चा का विषय बना रहा है.
कश्मीर में लोग लंबे समय से मनोरंजन के सीमित साधनों से जूझ रहे हैं. नब्बे के दशक की शुरुआत में जब सशस्त्र आंदोलन शुरू हुआ था, तब आतंकियों के निशाने पर आने के बाद ज्यादातर सिनेमा हॉल बंद हो गए थे. इसके बाद से फिल्म देखना आम लोगों की दिनचर्या से लगभग गायब हो गया.
श्रीनगर में सिर्फ एक मल्टीप्लेक्स है
फिलहाल पूरी घाटी में केवल श्रीनगर में एक मल्टीप्लेक्स काम कर रहा है. दक्षिण कश्मीर के अन्य इलाकों में छोटे थिएटर तो हैं, लेकिन आमतौर पर वहां ज्यादा भीड़ नहीं होती. दुरंधर ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि मनोरंजन की कमी के बीच लोग सिनेमा से जुड़ने का मौका नहीं छोड़ना चाहते.
मीर फरीद