हिमाचल में भाजपा की करारी हार पर ममता बनर्जी का तंज, बोलीं- 'भालो होलो...'

हिमाचल में भाजपा की हार के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर तंज कसा है. उन्होंने बंगाली भाषा में कहा, “भालो होलो.” इसका अर्थ है- अच्छा हुआ. हिमाचल की 68 सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि भाजपा को महज 25 सीटें ही मिली हैं.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा की हार पर कटाक्ष किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा की हार पर कटाक्ष किया है.

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 08 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है. यहां की 182 सीटों में से भाजपा ने 156, कांग्रेस ने 17 और आम आदमी पार्टी ने महज पांच सीटें ही जीती हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा की उम्मीदों के विपरीत आए हैं. 68 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा महज 25 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है. 

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हिमाचल में भाजपा की हार के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर तंज कसा है. उन्होंने बंगाली भाषा में कहा, “भालो होलो.” इसका अर्थ है- अच्छा हुआ. बताते चलें कि इससे पहले 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने 'खेला होबे' का नारा दिया था, जो बहुत प्रचलित हुआ था. 

एक फीसदी से भी कम है वोट प्रतिशत का अंतर 

हिमाचल में कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत हासिल की है. यानी भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ने 60 फीसदी ज्यादा सीटें जीती हैं. हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर एक फीसदी से भी कम है. कांग्रेस को जहां 43.9 फीसदी वोट मिले हैं, तो वहीं भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले हैं. इसकी एक बड़ी वजह भाजपा के बागी उम्मीदवार भी हैं.

करीब 21 सीटों पर बागी उम्मीदवारों ने भाजपा के खेल को उलट दिया. आंकड़ों के हिसाब से 7 सीटों पर उम्मीदवारों के बीच जीत-हार का अंतर 500 वोटों से भी कम है. वहीं, 10 सीटों पर जीत-हार का अंतर 1000 वोटों से भी कम है.

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हिमाचल की हार पर बोले सीएम जयराम- जनता के फैसले का अभिनंदन

हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर रिकॉर्ड अंतर से लगातार छठी बार अपनी सिराज विधानसभा सीट अपने नाम बरकरार रखी है. मगर, पार्टी चुनाव हार गई है. सीएम ने प्रेस वार्ता में कहा- वोट शेयर में ज्यादा अंतर नहीं है. जनता के फैसले का अभिनंदन करता हूं. हिमाचल के हित की लड़ाई के लिए हर जगह मौजूद रहूंगा. जहां जनता का हित नहीं होगा, वहां आवाज उठाएंगे. उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है. 

बताते चलें कि हिमाचल में 1985 के बाद से किसी भी पार्दी ने दो विधानसभा चुनाव लगातार नहीं जीते हैं. विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को हुई वोटिंग में रिकॉर्ड 75.6 प्रतिशत मतदान हुआ था. विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) चुनाव से काफी पहले राज्य से गायब हो गई थी. आप ने 67 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन नतीजों में अभी तक कोई खाता नहीं खुल पाया है.  

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