सूरत में भोले-भाले लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर लाखों की वसूली करने वाले कुख्यात 'मशरूम गैंग' का भंडाफोड़ हुआ है. एसओजी पुलिस ने गिरोह के मुख्य साजिशकर्ता दो सगे भाई अमित मशरू, सुमित मशरू और उनकी महिला साथी अस्मिता भरडवा को गिरफ्तार किया है. गिरोह महिलाओं के जरिए टारगेट तय करता था. फिर खुद को पुलिस अधिकारी बताकर छापेमारी करता और बलात्कार में फंसाने की धमकी देकर मोटी फिरौती वसूलता था.
दरअसल, गिरफ्तार महिला अस्मिता पहले हीरा फैक्ट्री में काम करती थी. उसने पूर्व सहयोगी मनोज मानिया से दोस्ती बढ़ाई और उसे फ्लैट पर बुलाया. जैसे ही मनोज महिला के साथ कमरे में था, पहले से मौजूद गिरोह के सदस्य सुमित, अल्पेश और अन्य वहां पहुंचे और खुद को पुलिस वाला बताते हुए छापा मारा. नकली पुलिस आईडी और हथकड़ी दिखाकर उन्होंने मनोज को पकड़ लिया और बलात्कार में फंसाने की धमकी देकर 20 लाख की मांग की.
यह भी पढ़ें: सूरत में तापी नदी पर बने ब्रिज की होगी मरम्मत, आज तक की रिपोर्ट के बाद DM ने दिए आदेश
मनोज ने समाज में बदनामी के डर से पहले चुप्पी साधी, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए कतारगाम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से नकली पुलिस आईडी, हथकड़ी और मोबाइल फोन जब्त किया. जांच में सामने आया कि गिरोह लंबे समय से हनीट्रैप की घटनाओं को अंजाम दे रहा था.
अमित मशरू और सुमित मशरू का आपराधिक इतिहास भी उजागर हुआ है. उनके खिलाफ सूरत के कई थानों में गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संगठित अपराध, धोखाधड़ी और जालसाजी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है.
इस गिरोह की गिरफ्तारी से सूरत में हनीट्रैप के जरिए हो रही धोखाधड़ी की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है और पुलिस अब इनके नेटवर्क और पीड़ितों की सूची खंगालने में जुटी है.
संजय सिंह राठौर