गुजरात में SC/ST सेल के इंचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन, कांग्रेस MLA जिग्नेश मेवाणी ने की इस्तीफे की मांग

जिग्नेश मेवाणी ने एडीजीपी राजकुमार पांडियन को सस्पेंड करने की मांग की. साथ ही कहा कि मैं जब उनसे मिलने गया तो मेरा मोबाइल बाहर रखने को कहा गया, मैं पूछता हूं कि किस नियम के तहत ऐसा करने के लिए कहा गया. प्रदर्शन के दौरान जिग्नेश ने कहा कि अगर पांडियन को सस्पेंड नहीं किया गया तो ये मोर्चा 5 गुना ज्यादा बड़ा होगा.

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SC/ST सेल के इंचार्ज राजकुमार पांडियन के खिलाफ प्रदर्शन करते जिग्नेश मेवाणी और अन्य SC/ST सेल के इंचार्ज राजकुमार पांडियन के खिलाफ प्रदर्शन करते जिग्नेश मेवाणी और अन्य

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

गुजरात कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवाणी और दलित समुदाय के लोगों ने गांधीनगर स्थित पुलिस भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया. एससी-एसटी सेल के इंचार्ज एडीजीपी राजकुमार पांडियन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने डीजी को आवेदन पत्र देकर एडीजीपी को सस्पेंड करने की मांग की.

प्रदर्शन के दौरान गुजरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल, विधानसभा में नेता विपक्ष अमित चावड़ा समेत कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. जिग्नेश मेवाणी ने एससी-एसटी सेल के इंचार्ज एडीजीपी राजकुमार पांडियन पर अभद्र व्यवहार करने और धमकी देने का आऱोप लगाया, जबकि राजकुमार पांडियन ने कांग्रेस विधायक के आरोपों को निराधार बताया.

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दरअसल, 15 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी एससी/एसटी सेल के इंचार्ज राजकुमार पांडियन से मिलने पहुंचे थे. राजकुमार पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट में गुजरात में न्याय नहीं मिल रहा. सिर्फ 5 फीसदी केस में दलितों को न्याय मिल रहा है. यह गंभीर स्थिति है. दलितों की 20,000 बीघा जमीन पर गुंडों का कब्जा है. 

इसे लेकर राजकुमार पांडियन से मिलन उनके ऑफिस गया तो हमारे साथ अभद्रता की गई. साथ ही कहा गया कि दोबारा इस चैम्बर में नहीं आएं. जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि अगर वो एक विधायक से ऐसा व्यवहार करेंगे तो आम लोगों से कैसा व्यवहार करते होंगे. 

जिग्नेश मेवाणी ने एडीजीपी राजकुमार पांडियन को सस्पेंड करने की मांग की. साथ ही कहा कि मैं जब उनसे मिलने गया तो मेरा मोबाइल बाहर रखने को कहा गया, मैं पूछता हूं कि किस नियम के तहत ऐसा करने के लिए कहा गया. प्रदर्शन के दौरान जिग्नेश ने कहा कि अगर पांडियन को सस्पेंड नहीं किया गया तो ये मोर्चा 5 गुना ज्यादा बड़ा होगा. राजकुमार पांडियन कुछ साल पहले ही 7 साल जेल की सजा काटकर आए हैं. अगर मेरी, मेरे परिवार या मेरी टीम के किसी सदस्य को किसी भी प्रकार का नुकसान होता है, तो इसकी जिमेदारी राजकुमार पांडियन की होगी. किसी पर जानलेवा हमला हुआ तो जिम्मेदार राजकुमार पांडियन होंगे.

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विपक्ष नेता अमित चावड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार के अधिकारियों द्वारा लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है. हमारे विधायक जिग्नेश मेवाणी दलितों की समस्या को लेकर जब राजकुमार पांडियन के पास गए तो उन्होंने अभद्रता की और धमकी दी है. ऐसे अधिकारी को सस्पेंड किया जाना चाहिए और उन्हें जिग्नेश मेवाणी को सुरक्षा मुहैया करवायी जाए. वहीं, गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जन प्रतिनिधि के साथ बुरा व्यवहार नहीं होना चाहिए. जिग्नेश मेवाणी चुने हुए दलित नेता हैं. आईपीएस अधिकारी बीजेपी की सरकार के कहने पर अभद्रता कर रहे है, उसके खिलाफ यह जनआक्रोश है.

इस विवाद को लेकर एससी/एसटी सेल के इंचार्ज राजकुमार पांडियन ने कहा कि पहली बार जिग्नेश मेवाणी से मुलाकात हुई थी. आम तौर पर एमपी या एमएलए जब भी आते हैं, वो इन्फॉर्म करके आते है. लेकिन जिग्नेश मेवाणी ने मिलने की कोई जानकारी नहीं दी थी. वह जब आए तो मैंने उन्हें मिलने के लिए बुलाया, लेकिन वह चाह रहे थे कि मैं उन्हें बाहर आकर रिसीव करूं. ऐसा कोई प्रोटोकॉल नहीं है. इसके बाद जिग्नेश चिल्लाने लगे कि आप प्रोटोकॉल फॉलो नहीं कर रहे हैं. इसके बाद वह तू-तड़ाक से बात करने लगे. मैंने उन्हें ठीक से बात करने के लिए कहा. वह ऑफ़िस में 2 फोन लेकर आए थे. एक से उन्होंने वॉइस रिकॉर्डिंग शुरू की तो मैंने उनसे कहा कि आप रिकॉर्डिंग बंद करें और फ़ोन बाहर रखें.

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