कल से दिल्ली में उत्तर प्रदेश के बीजेपी सांसदों की बड़ी बैठक

यह बैठक दो दिन होगी- 28 और 29 जुलाई. 28 को बृज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के सांसदों की बैठक होगी. वहीं 29 को अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र कि बैठक होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तरप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव , प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और प्रभारी राधामोहन सिंह भी मौजूद रहेंगे.

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यूपी बीजेपी सांसदों के साथ बैठक (फाइल फोटो) यूपी बीजेपी सांसदों के साथ बैठक (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST
  • बीजेपी सांसदों की बड़ी बैठक
  • यूपी चुनाव पर होगी चर्चा
  • जेपी नड्डा, सीएम योगी समेत कई नेता होंगे शामिल

दिल्ली में बुधवार से उत्तर प्रदेश के सांसदों की बैठक होने जा रही है. यह बैठक दो दिन होगी- 28 और 29 जुलाई. 28 को बृज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के सांसदों की बैठक होगी. वहीं 29 को अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र कि बैठक होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तरप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव , प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और प्रभारी राधामोहन सिंह भी मौजूद रहेंगे. जानकारी के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बैठक में शामिल हो सकते हैं. बताया गया है कि इस बैठक में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी. 

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तैयारी बीजेपी ने शुरू कर दी है. बीजेपी का फोकस राज्य में दोबारा सरकार बनाने की है और इसके लिए पार्टी गुजरात फॉर्मूले को अपनाने की जुगत में है.

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बीजेपी जिस तरह से गुजरात में हर बार एंटी इनकमबेंसी की काट के लिए पुराने विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगाती आ रही है. चर्चा है कि यूपी में भी बीजेपी उसी फार्मूले के तहत अपने 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगा सकती है. इस दांव से बीजेपी लंबे समय से गुजरात में काबिज है. 

2017 में दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी बीजेपी ने सभी मौजूदा पार्षदों का टिकट काट दिया था और नए चेहरों पर दांव लगाने का फॉर्मूला हिट रहा था. इतना ही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने कई मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए थे. उस चुनाव में बीजेपी ने 2014 के मुकाबले 90 सांसदों के टिकट काटे थे. 5 सांसद पार्टी छोड़ गए थे तो कुछ सांसद 75+ उम्र के क्राइटेरिया के वजह से पिछड़ गए थे.

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